
सन्दर्भ-भारत की अपनी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है,जैसा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में भी जल्द ही केंद्रीय बैंक समर्थित ‘डिजिटल रुपया’ लॉन्च करने की बात कही थीं।
प्रमुख तथ्य-यह मुद्रा,वर्तमान में उपलब्ध निजी कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसी ही होगा परन्तु इसके साथ सरकार की गारंटी जुडी होगी।
:भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को इकाइयों में क्रमांकित किया जाएगा, जैसे प्रत्येक फिएट मुद्रा में एक अद्वितीय संख्या होती है।
:प्रचलन के लिए डिजिटल रुपये में जारी इकाइयों को मुद्रा में शामिल किया जाएगा।
:यह फिएट मुद्रा से बहुत अलग नहीं होगा। बल्कि इसी के इलेक्ट्रॉनिक रूप की तरह अधिक होगा,इसलिए एक अर्थ में यह सरकार द्वारा अनिवार्य इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट होगा।
:रिजर्व बैंक द्वारा विकसित किया जा रहा डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन निजी कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले मोबाइल वॉलेट की मौजूदा प्रणाली के विपरीत, सभी लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा।
:डिजिटल मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
:इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाले सटीक विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
:CBDC एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है,लेकिन इसकी तुलना निजी आभासी मुद्राओं या क्रिप्टोकरेंसी से नहीं की जा सकती है,जो पिछले एक दशक में बढ़ी है।
:निजी आभासी मुद्राएं किसी भी व्यक्ति के ऋण या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं क्योंकि कोई जारीकर्ता नहीं है,सरकार पहले ही कह चुकी है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी लीगल टेंडर नहीं होगी।
:आरबीआई निजी क्रिप्टोकरेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं।
फिएट मुद्रा-यह मुद्रा सरकार द्वारा जारी की जाने वाली मुद्रा को कहा जाता है।