सन्दर्भ:
: संसद की कार्यवाही जल्द ही नए संसद भवन में शिफ्ट होगी, संसद भवन भारत की संसदीय सीट है, जो लोकसभा (निचला सदन) और राज्यसभा (ऊपरी सदन) का घर है।
संसद भवन का ऐतिहासिक पहलू:
: नींव- इसकी आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी।
: वास्तुकार- आर्किटेक्ट, सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर ने इमारत के डिजाइन में भारतीय रूपांकनों और शैलियों को शामिल किया।
: उद्घाटन- इस इमारत का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था, शुरुआत में इसमें इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल थी।
: आज़ादी के बाद भारत की संविधान सभा ने नियंत्रण संभाला और 1950 में यह भारत की संसद बन गई।
: सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व गृह: संसद भवन में चैंबर ऑफ प्रिंसेस का उपयोग स्वतंत्रता से पहले भारत के संघीय न्यायालय द्वारा भी किया जाता था।
: बाद में, न्यायालय के अपने भवन में स्थानांतरित होने से पहले, यह दस वर्षों से अधिक समय तक सर्वोच्च न्यायालय के स्थान के रूप में कार्य करता रहा।
इसके वास्तुशिल्प पहलू:
: मिश्रण- :यह इमारत पश्चिमी और भारतीय शैलियों के वास्तुशिल्प मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है।
: इमारत की परिधि गोलाकार है, जिसके बाहर 144 स्तंभ हैं।
: जबकि इसमें शास्त्रीय पश्चिमी तत्वों को शामिल किया गया है, इसमें स्तंभों और गुंबदों का उपयोग जैसे भारतीय वास्तुशिल्प रूप भी शामिल हैं।
: यह मध्य प्रदेश के एकत्तरसो महादेव मंदिर (चौसठ योगिनी मंदिर) से प्रेरित था।
: इमारत बड़े बगीचों से घिरी हुई है और परिधि को बलुआ पत्थर की रेलिंग (जाली) से घिरा हुआ है।