सन्दर्भ:
: भारत के CAG द्वारा किए गए एक ऑडिट के अनुसार 2017 और 2021 के बीच ग्रामीण विकास मंत्रालय के नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (NSAP) अर्थात राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत अयोग्य लाभार्थियों को लगभग 79 करोड़ रुपये अनुचित तरीके से हस्तांतरित किए गए थे।
इसका उद्देश्य है:
: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को सामाजिक सहायता प्रदान करना, विशेष रूप से बुजुर्गों, विकलांग व्यक्तियों, विधवाओं आदि को लक्षित करना।
नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम के बारें में:
: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) एक कल्याण कार्यक्रम है जिसे पहली बार 1995 में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया था और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया गया था।
: इसे 2016 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) की ‘कोर ऑफ कोर’ योजनाओं में शामिल किया गया था।
: इसका कार्यान्वयन क्षेत्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में है।
: इसके प्रमुख अवयव है-
1- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) – 1995 में NSAP की स्थापना के बाद से
2- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS) – 1995 में।
3- अन्नपूर्णा योजना – 2000 में शुरू की गई।
4- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) – 2009 में शुरू की गई।
5- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना – 2009 में शुरू की गई।
: इसका संवैधानिक आधार है-
1- संविधान के अनुच्छेद 41 और अनुच्छेद 42 NSAP के लिए आधार प्रदान करते हैं।
2- अनुच्छेद 41 राज्य को अपनी आर्थिक क्षमता के भीतर बेरोजगारी, बुढ़ापा, बीमारी, विकलांगता और अवांछित अभाव के मामलों में नागरिकों को सार्वजनिक सहायता प्रदान करने का निर्देश देता है।
3- अनुच्छेद 42 काम और मातृत्व राहत की उचित और मानवीय स्थितियों को सुरक्षित करने पर जोर देता है।
: ज्ञात हो कि राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (NMBS) जो मूल रूप से NSAP का हिस्सा था, बाद में इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया।