
सन्दर्भ:
:केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज भुवनेश्वर में पहली नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट इन इंडिया का शुभारम्भ किया।
सम्मेलन का उद्देश्य है:
:तीन संबंधित विषयों तटीय और समुद्री जैव विविधता, जलवायु न्यूनीकरण एवं अनुकूलन और तटीय प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत के सभी 13 समुद्र तटीय राज्यों के अधिकारियों को एक मंच पर लाना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट इन इंडिया:
:इस सम्मेलन को ग्रीन क्लाइमेट फंड समर्थित परियोजना– इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ इंडियाज कोस्टल कम्युनिटीज द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
:यह सम्मलेन हितधारकों का एक सक्रिय नेटवर्क तैयार कर रहा है, जो न सिर्फ विभिन्न विषयों पर एक-दूसरे के साथ संवाद जारी रखेंगे बल्कि तटीय शासन, प्रौद्योगिकियों और नवाचार के साथ-साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वित्त जैसे समानांतर विषयों पर भी एक साथ जुड़े रहेंगे।
:ज्ञात हो कि भारतीय तटरेखा का देश के लिए खासा सामरिक,आर्थिक और सामाजिक महत्व है।
:7,500 किलोमीटर लंबाई वाली यह दुनिया में सातवीं सबसे लंबी तट रेखा है और यहां पर देश की 20% जनसंख्या निवास करती है।
:चार में तीन महानगरीय शहर इसके तट पर स्थित हैं।
:इन तटीय क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र की एक बड़ी विविधता है जो पौधों और जानवरों की 17,000 से अधिक प्रजातियों की मदद करती है।
:ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिल नाडु राज्यों में यूएनडीपी के साथ भागीदारी में इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ कोस्टल कम्युनिटीज पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।