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सन्दर्भ:
:निर्वाचन आयोग ने 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को निष्क्रिय घोषित किया तथा 86 RUPPs को सूची से हटा दिया।
क्यों हटाया गया:
:लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29क के अंतर्गत सांविधिक अपेक्षाओं के अनुसार प्रत्येक राजनीतिक दल को अपने नाम, प्रधान कार्यालय, पदाधिकारियों, पते, पैन में किसी भी प्रकार के बदलाव की संसूचना आयोग को बिना किसी विलंब के देनी होती है,जिसमे अनियमितता पाई गई क्योकि निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी तरह के भेजे गए पत्रक के आधार पर निष्क्रिय पाए गए है।
:ये दल किसी राज्य के विधानसभा का आम चुनाव और न ही वर्ष 2014 एवं 2019 में संसदीय चुनाव ही लड़ा है।
RUPPs से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: RUPPs-Registered Unrecognized Political Parties
:चुनाव चिन्ह आदेश (1968) के अंतर्गत इनके सारे लाभ वापस लिए गए अब इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे।
:अनुपालन न करने वाले इन 339 (86+253) पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने से 25 मई, 2022 से चूक करने वाले ऐसे आरयूपीपी की संख्या बढ़कर अब 537 हो गई।
:ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश दिनांक 25 मई, 2022 और 20 जून, 2022 के जरिए क्रमशः 87 आरयूपीपी और 111 आरयूपीपी को सूची से हटा दिया, इस तरह सूची से हटाए गए आरयूपीपी की संख्या कुल मिलाकर 284 हो गई थी।
:अनुपालन न करने वाले 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के विरुद्ध यह निर्णय सात राज्यों बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है।
:उपरोक्त 253 दलों में से, 66 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (आरयूपीपी) ने वास्तव में चुनाव चिन्ह आदेश 1968 के पैरा 10बी के अनुसार एक समान चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन किया था और संबंधित निर्वाचनों को नहीं लड़ा था।
:राज्य के उक्त विधानसभा निर्वाचन के संबंध में कुल उम्मीदवारों में से कम से कम 5% उम्मीदवार को रखने के लिए एक वचनबंध के आधार पर आरयूपीपी को एकसमान (कॉमन) चुनाव चिन्ह का विशेषाधिकार दिया जाता है।