सन्दर्भ:
: हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी जिले में दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना (Dibang Multipurpose Hydroelectric Project) की आधारशिला रखी।
दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना के बारें में:
: यह परियोजना 09 मार्च, 2024 को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में “विकासशील भारत विकास पूर्वोत्तर कार्यक्रम के तहत घोषित की गई।
: यह परियोजना राज्य और देश के नेट जीरो लक्ष्य को आगे बढ़ने में मदद करेगी।
: दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना NHPC Ltd द्वारा स्थापित की गई है जिसकी कुल क्षमता 2,880 मेगावाट की है।
: दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना अरुणाचल प्रदेश के निचली दिबांग घाटी जिले में मुनली गांव के समीप बनेगी।
: दिबांग परियोजना की लागत 31,875 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
: यह देश का सबसे ऊंचा बांध होगा जिसकी ऊचाई 278 मीटर होगी।
: भारत का सबसे ऊंचा कंक्रीट-ग्रेविटी बांध होगा जिसका निर्माण रोलर कॉम्पैक्टेड कंक्रीट (RCC) तकनीक से किया जाएगा।
: साथ ही यह दुनिया का सबसे ऊंचा RCC बांध होगा।
: दिबांग बांध का लक्ष्य एक महीने में 5 लाख क्यूबिक मीटर से ज्यादा कंक्रीट का शिखर स्थापित करना है, जो दुनिया में पहली बार होगा।
: 108 महीने की निर्माण अवधि के साथ, यह परियोजना फरवरी 2032 में चालू होगी।
: यह परियोजना हर वर्ष 11,223 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पन्न करेगी, जिससे स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा प्राप्त होगी जिसे उत्तरी ग्रिड में फीड किया जाएगा।
: दिबांग परियोजना अरुणाचल प्रदेश में विकास के लिए 12% मुफ्त विद्युत और स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के लिए अतिरिक्त 1% मुफ्त विद्युत प्रदान करेगी।
: इस परियोजना को ऊर्जा भंडारण परियोजना के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसके प्रमुख उद्देश्यों में विद्युत उत्पादन के अलावा बाढ़ नियंत्रण शामिल है।
: यह विद्युत उत्पन्न करेगा, बाढ़ नियंत्रण में मदद करेगा और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर और सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
: प्रधानमंत्री ने मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में लगभग 55,600 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।