![touchless touch censor](https://gkvidya.com/wp-content/uploads/2022/03/touchless-touch-censor-150x150.jpg)
सन्दर्भ-भारतीय वैज्ञानिकों ने कम लागत वाला एक “टच-कम-प्रॉक्सिमिटी सेंसर” अर्थात स्पर्श-सह-सामीप्य संवेदक विकसित करने के लिए प्रिंटिंग तकनीक के द्वारा एक किफायती समाधान प्रदान किया है।
प्रमुख तथ्य-इस प्रौद्योगिकी को टचलेस टच सेंसर कहा जाता है।
:सार्वजनिक स्थलों पर जहां सेल्फ-सर्विस कियोस्क,एटीएम और वेंडिंग मशीनों पर टचस्क्रीन है वहां कोरोना महामारी में संपर्क से फैलने वाले वायरस को फैलने से रोकने में मदद करेगा।
:डीएसटी के स्वायत्त संस्थानों के नैनो और सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CENS) तथा जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस एंड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR),बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने प्रिंटिंग एडेड पैटर्न पारदर्शी इलेक्ट्रोड के उत्पादन के लिए एक अर्ध-स्वचालित उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है।
:इस पारदर्शी इलेक्ट्रोड का रिजॉल्यूशन लगभग 300 माइक्रोन है।
:इस मशीन के द्वारा उन्नत टचलेस स्क्रीन प्रौद्योगिकियों में उपयोग किए जाने की क्षमता है।
:यह टच सेंसर डिवाइस से 9 सेमी की दूरी से भी नजदीकी या आसपास मडराने वाली चीजों के स्पर्श को महसूस करता है।
:हाल ही में ’मैटेरियल्स लेटर्स’ पत्रिका में यह प्रोजेक्ट प्रकाशित हुआ है।
:अन्य स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए उनकी व्यावहारिकता साबित करने के लिए अपने पैटर्न वाले इलेक्ट्रोड का उपयोग करके कुछ और प्रोटोटाइप बनाया जा रहा हैं।
:नए और कम लागत पैटर्न वाले पारदर्शी इलेक्ट्रोड में उन्नत स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टचलेस स्क्रीन तथा सेंसर में उपयोग किए जाने की काफी संभावना है।