सन्दर्भ:
: जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने लघु सिंचाई योजनाओं पर छठी लघु सिंचाई गणना (6th Census Report On Minor Irrigation Schemes) रिपोर्ट जारी की।
छठी लघु सिंचाई गणना के बारें में:
: इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में 23.14 मिलियन लघु सिंचाई (MI) योजनाएं हैं, जिनमें से 21.93 मिलियन (94.8%) भूजल (GW) और 1.21 मिलियन (5.2%) सतही जल (SW) योजनाएं हैं।
: पांचवी गणना की तुलना में छठी लघु सिंचाई गणना के दौरान लघु सिंचाई योजनाओं में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि हुई है।
: यह गणना केंद्र प्रायोजित योजना “सिंचाई गणना” के तहत की गई।
: छठी गणना का अखिल भारतीय और राज्यवार रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई है।
: उत्तर प्रदेश में देश के सबसे अधिक लघु सिंचाई योजनाएं हैं, इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान है।
: इसी तरह भूजल योजनाओं में अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं।
: साथ ही सतही जल योजनाओं में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
: सतही जल योजनाओं में सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाएं शामिल हैं।
: भूजल योजनाओं में खोदे गए कुएं, कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल शामिल हैं।
: राष्ट्रीय स्तर पर, भूजल और सतही जल स्तर की योजनाओं में क्रमशः 6.9% और 1.2% की वृद्धि हुई है।
: लघु सिंचाई योजनाओं में खोदे गए कुंओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, इसके बाद कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल हैं।
: महाराष्ट्र कुएं खोदने, सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाओं में अग्रणी राज्य है।
: उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब क्रमशः कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल में अग्रणी राज्य हैं।
: रिपोर्ट के अनुसार सभी लघु सिंचाई योजनाओं में से, 97.0% ‘उपयोग में हैं’, 2.1% ‘अस्थायी रूप से उपयोग में नहीं हैं’ जबकि 0.9% ‘स्थायी रूप से उपयोग में नहीं है’।
: कम गहरे ट्यूबवेल और मध्यम ट्यूबवेल ‘उपयोग में’ योजनाओं की श्रेणी में अग्रणी हैं।
: अधिकांश लघु सिंचाई योजनाएं 96.6% निजी स्वामित्व में हैं।
: भूजल योजनाओं में स्वामित्व में निजी संस्थाओं की हिस्सेदारी 98.3% है, जबकि सतही जल योजनाओं में हिस्सेदारी 64.2% है।
: ज्ञात हो कि पहली बार, व्यक्तिगत स्वामित्व के मामले में लुघ सिंचाई योजना के मालिक की लैंगिक स्थित के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई।
: सभी व्यक्तिगत स्वामित्व वाली योजनाओं में से 18.1% का स्वामित्व महिलाओं के पास है।
: इस क्षेत्र में प्रभावी योजना और नीति निर्माण के लिए लघु सिंचाई योजनाओं के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय डेटा बेस जरूरी है।
: इसी उद्देश्य से भारत सरकार लघु सिंचाई योजनाओं की गणना करा रही है।
: अब तक क्रमशः वर्ष 1986-87, 1993-94, 2000-01, 2006-07 और 2013-14 के साथ पांच गणनाएं की गई हैं।
: 2017-18 के साथ छठी लघु सिंचाई गणना 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी हो गई।