सन्दर्भ:
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: ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के एक विश्लेषण के अनुसार, भारत निर्माणाधीन और प्रस्तावित ऑयल पाइपलाइन को विकसित करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है।
ऑयल पाइपलाइन से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: भारत 1,630 किमी लंबी तेल संचरण पाइपलाइन का निर्माण कर रहा है, जो निर्माणाधीन श्रेणी की पाइपलाइनों में विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है, और 1,194 किमी लंबी पाइपलाइनों का प्रस्ताव है, जो 10वें स्थान पर है।
: पारादीप नुमालीगढ़ क्रूड पाइपलाइन (निर्माणाधीन) और न्यू मुंद्रा-पानीपत ऑयल पाइपलाइन (प्रस्तावित) दुनिया की सबसे लंबी तेल पाइपलाइनों में से एक होगी।
: संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, इराक, ईरान और तंजानिया अग्रणी देश है।
पाइपलाइनों के लाभ:
: पारंपरिक शिपमेंट की तुलना में तेल और प्राकृतिक गैस को स्थानांतरित करने में अधिक कुशल; पाइपलाइन के निर्माण में लगने वाला समय कम है; पारगमन नुकसान न्यूनतम हैं।
प्रमुख चिंताएं:
: रिसाव, विस्थापन, और उन समुदायों की आजीविका में व्यवधान जहां वे बनाए गए हैं।
सरकार की प्रमुख पहल:
: प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना, वन नेशन एंड वन गैस ग्रिड, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट।
ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के बारे में:
: ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर जिसकी स्थापना 2008 में हुई थी एक सैन फ्रांसिस्को-आधारित गैर-सरकारी संगठन है जो दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को सूचीबद्ध करता है।
: GEM स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन में जानकारी साझा करता है और सरकार, मीडिया और अकादमिक शोधकर्ताओं द्वारा ऊर्जा प्रवृत्तियों पर इसके डेटा और रिपोर्ट का व्यापक रूप से हवाला दिया जाता है।