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सन्दर्भ-राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अपनी प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ ई-संजीवनी के सफल एकीकरण की घोषणा की है।
प्रमुख तथ्य-यह एकीकरण ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आसानी से अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) बनाने और डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने और प्रबंधित करने आदि के लिए इसका उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।
:उपयोगकर्ता ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे,जिससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित हो जाएगी।
:एबीडीएम का लक्ष्य भारत में मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों और हितधारकों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए डिजिटल हाईवेज का निर्माण करना है।
:22 करोड़ एबीएचए धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं।
:ई-संजीवनी सर्विस दो वेरिएंट में उपलब्ध है
:पहला ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)- डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है,जिसके माध्यम से एचडब्ल्यूसी में जाने वाले लाभार्थी डॉक्टरों/विशेषज्ञों/अस्पताल/मेडिकल कॉलेज से जुड़ सकते हैं जो तृतीयक स्वास्थ्य सुविधा में हो सकते हैं।
:यह सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों और पृथक समुदायों में सामान्य और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
:दूसरा वेरिएंट, ई-संजीवनी ओपीडी देश भर में मरीजों की सेवा कर रहा है,उन्हें सीधे डॉक्टरों से उनके घरों तक आराम से जोड़ रहा है।
:दोनों वेरिएंट- ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी को एबीडीएम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है।
:ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म अब अन्य 40 डिजिटल हेल्थ एप्लीकेशन में शामिल हो गया है,जो एबीडीएम से जुड़े हुए हैं।
:ये स्वास्थ्य तकनीक सेवाएं देश के लिए एक मजबूत,अंतर-संचालित और समावेशी डिजिटल हेल्थ इको-सिस्टम का निर्माण कर रही हैं।
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