सन्दर्भ:
:प्रधानमंत्री 8 सितंबर 2022 को इंडिया गेट पर ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।
‘कर्तव्य पथ’ के बारें में:
:जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है कर्तव्य पथ करना क्योकि तत्कालीन राजपथ सत्ता के प्रतीक है।
:यह प्रयास प्रधानमंत्री के ‘पंच प्राण’ में से एक की तर्ज पर है यानी ‘औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान मिटाएं।
:कई वर्षों से, राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में आने वाले लोगो की बढ़ती भीड़ का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ रहा था।
:इसमें पीने के पानी,स्ट्रीट फर्नीचर,सार्वजनिक शौचालय और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी।
:इसके अलावा, रास्तों के पास अपर्याप्त बोर्ड, पानी की खराब सुविधाएं और बेतरतीब पार्किंग थी।
:साथ ही गणतंत्र दिवस परेड और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के समय गड़बड़ी कम हो और जनता की आवाजाही पर प्रतिबंध भी कम से कम हो इसकी जरुरत महसूस की गई।
:इन सब चींजो को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास किया गया जबकि वास्तु शिल्प का चरित्र बनाये रखने और अखंडता भी सुनिश्चित की गई।
:अब कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नई नहरें, रास्तों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे।
:साथ ही इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा।
:इसमें भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन,वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएँ भी शामिल हैं।
:सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है,जहां इस वर्ष के शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
:नेता जी यह प्रतिमा 28 फ़ीट ऊँची है वजन 65 मीट्रिक टन है जिसका निर्माण मूर्तिकार अरुण योगिराज द्वारा किया गया है।