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आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर राष्ट्रीय कार्यक्रमआंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
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सन्दर्भ:

: हाल ही में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने नई दिल्ली में आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme on Anganwadi-cum-Creches) का उद्घाटन किया।

आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारें में:

: पालना योजना के तहत आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पहल में संशोधन किया गया और इसे अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले मिशन शक्ति के समर्थ उप-घटक के हिस्से के रूप में शामिल किया गया।
: आंगनवाड़ी-सह-क्रेच का केंद्रीय उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल सुविधाओं की मांग को पूरा करना और महिलाओं को कार्यबल में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाना है।
: भारत सरकार का लक्ष्य देश भर में 17,000 क्रेच स्थापित करने का है।

क्रेच (Creche) के बारें में:

: क्रेच एक ऐसी सुविधा है जो माता-पिता को काम के दौरान अपने बच्चों को छोड़ने की सुविधा देती है और जहां बच्चों को उनके समग्र विकास के लिए एक प्रेरक वातावरण प्रदान किया जाता है।
: क्रेच को आमतौर पर 6 साल तक के बच्चों को समूह देखभाल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिन्हें दिन के दौरान अपने घर से दूर देखभाल, मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है।

पालना योजना के बारे में मुख्य बातें:

: पूर्ववर्ती राष्ट्रीय क्रेच योजना को पुनर्गठित किया गया है और ‘मिशन शक्ति’ की उप-योजना ‘सामर्थ्य’ के तहत इसका नाम बदलकर पालना योजना कर दिया गया है।
: इसका उद्देश्य है- :समुदाय में कामकाजी माताओं के बच्चों (6 महीने से 6 वर्ष) के लिए डे-केयर सुविधाएं प्रदान करना।
: बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना।
: बच्चों के शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास (समग्र विकास) को बढ़ावा देना।
: बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए माता-पिता/देखभाल करने वालों को शिक्षित और सशक्त बनाना।
: सेवाएं- : योजना निम्नलिखित सेवाओं का एक एकीकृत पैकेज प्रदान करेगी।
: विकास निगरानी।
: स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण।
: सोने की सुविधाओं सहित डेकेयर सुविधाएं।
: 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रारंभिक प्रोत्साहन और 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए पूर्वस्कूली शिक्षा।
: पूरक पोषण (स्थानीय रूप से प्राप्त किया जाना है)।
: लक्ष्य समूह- यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के 6 महीने से 6 साल के बच्चों पर केंद्रित है, जो महीने में कम से कम 15 दिन या साल में छह महीने के लिए कार्यरत हैं।


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By gkvidya

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