सन्दर्भ:
: हाल ही में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने UMEED पोर्टल पर एक अतिरिक्त मॉड्यूल लॉन्च किया है जो विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को वक्फ-अल-औलाद संपत्तियों से रखरखाव सहायता के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाता है।
UMEED पोर्टल के बारें में:
: ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास (UMEED) पोर्टल’ देश भर में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है।
: इसका उद्देश्य- बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा देना और पारदर्शिता बढ़ाना है।
: यह पोर्टल वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की पृष्ठभूमि में लॉन्च किया जा रहा है।
: पंजीकरण संबंधित राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा सुगम बनाया जाएगा।
: कानूनी सहायता- एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 की धारा 3(r)(iv) के अंतर्गत तैयार एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025 का नियम 8(2)।
: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है।
: UMEED पोर्टल की मुख्य विशेषताएं:-
- नई योजना के तहत, सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर इसके लॉन्च होने के छह महीने के भीतर पंजीकृत कराना होगा।
- प्रत्येक पंजीकरण में माप (लंबाई और चौड़ाई) और जियोटैग किए गए स्थानों जैसे पूर्ण विवरण शामिल होने चाहिए।
- महिलाओं के नाम पर पंजीकृत संपत्तियां वक्फ संपत्तियों के रूप में वर्गीकृत होने के योग्य नहीं होंगी।
- हालांकि, महिलाएं, बच्चे और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग वक्फ संपत्तियों के प्रमुख लाभार्थी बने रहेंगे।
- तकनीकी या अन्य महत्वपूर्ण कारणों से निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकृत न होने वाली संपत्तियों को एक से दो महीने का विस्तार दिया जा सकता है।
- हालांकि, अनुमत अवधि से अधिक समय तक अपंजीकृत रहने वाली संपत्तियों को विवादित माना जाएगा और समाधान के लिए वक्फ न्यायाधिकरण को भेजा जाएगा।
- मॉड्यूल की प्रमुख विशेषताओं में लाभार्थी विवरणों का आधार-आधारित प्रमाणीकरण, संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश वक्फ बोर्डों द्वारा प्रबंधित ऑनलाइन आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया और लाभार्थियों के बैंक खातों में रखरखाव सहायता का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) शामिल हैं।