सन्दर्भ:
: भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, PM10 में मामूली वृद्धि के बावजूद, वायु प्रदूषण न्यूनीकरण के लिए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 (SVS 2025) में शीर्ष स्थान पर रहा।
SVS 2025 के बारें में:
: SVS, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा आयोजित एक वार्षिक सर्वेक्षण है।
: यह NCAP के अंतर्गत व्यापक समुचित परिश्रम पर आधारित एक कठोर, बहु-स्तरीय मूल्यांकन तंत्र के रूप में संरचित है।
: यह कार्यक्रम NCAP के अंतर्गत 130 शहरों के लिए प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है ताकि शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके और उन्हें वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए त्वरित कार्रवाई करने हेतु प्रोत्साहित किया जा सके।
: SVS आठ प्रमुख मानकों पर शहरों का मूल्यांकन करता है, जिनमें सड़क की धूल में कमी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वाहन एवं औद्योगिक उत्सर्जन नियंत्रण, सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन, जन जागरूकता, साथ ही कणिकीय पदार्थ के स्तर में मापनीय सुधार शामिल हैं।
: SVS 2025 की मुख्य विशेषताएँ:-
- SVS 2025 में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में इंदौर शीर्ष पर रहा, उसके बाद जबलपुर और आगरा/सूरत का स्थान रहा।
- इसमें दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में नवी मुंबई चौथे, कानपुर पांचवें, भोपाल छठे, इलाहाबाद सातवें, चंडीगढ़ आठवें, अहमदाबाद, पुणे और नागपुर दसवें, वाराणसी और रायपुर ग्यारहवें, लखनऊ पंद्रहवें, हैदराबाद बाइसवें, मुंबई पच्चीसवें, जयपुर छब्बीसवें, दिल्ली बत्तीसवें, बेंगलुरु छत्तीसवें, कोलकाता अट्ठाईसवें और चेन्नई इक्यावनवें स्थान पर रहे।
- अमरावती ने तीन से दस लाख की आबादी वाली श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया, उसके बाद झांसी और मुरादाबाद (संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर) और अलवर तीसरे स्थान पर रहे।
- शहरों की तीसरी श्रेणी (तीन लाख से कम आबादी) में देवास (मध्य प्रदेश) पहले स्थान पर रहा, उसके बाद परवाणू (हिमाचल प्रदेश) और अंगुल (ओडिशा) का स्थान रहा।
- NCAP के तहत 130 शहरों में से 103 में पीएम10 का स्तर कम हुआ।
- मुंबई में 2017-18 की तुलना में 2024-25 में पीएम10 के स्तर में सबसे अधिक 44% की गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद छह बड़े महानगरों में कोलकाता (37%), हैदराबाद और बेंगलुरु (26-26%), दिल्ली (15%) और चेन्नई (12%) का स्थान रहा।
- हालांकि 130 शहरों में से कुल 22 ने 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (μg/m3) से कम की वार्षिक औसत पीएम10 सांद्रता की रिपोर्ट करके राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को पूरा किया है, चेन्नई एकमात्र बड़ा महानगर है जिसने स्वीकार्य सीमा को पूरा किया है, जिसका वार्षिक औसत 58 μg/m3 दर्ज किया गया है।


