सन्दर्भ:
: भारतीय सेना ने सिग्नल प्रौद्योगिकी मूल्यांकन और अनुकूलन समूह (STEAG) की स्थापना करके अपनी तकनीकी क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण विकास शुरू किया है।
सिग्नल प्रौद्योगिकी मूल्यांकन और अनुकूलन समूह (STEAG) के बारे में:
: यह 6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और सैन्य अनुप्रयोगों के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी भविष्य की संचार प्रौद्योगिकियों पर शोध और मूल्यांकन के लिए समर्पित इकाई है।
: इसका प्राथमिक उद्देश्य वायर्ड और वायरलेस सिस्टम में प्रौद्योगिकियों का पोषण करना है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज, मोबाइल संचार, सॉफ्टवेयर-परिभाषित रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और अधिक सहित डोमेन के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया है।
: इकाई समसामयिक प्रौद्योगिकियों के रखरखाव और उन्नयन के माध्यम से उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस समर्थन प्रदान करते हुए मुख्य ICT समाधानों की तकनीकी स्काउटिंग, मूल्यांकन, विकास और प्रबंधन करेगी।
: यह एक ओर सशस्त्र बलों और दूसरी ओर उद्योग और शिक्षा जगत के बीच विभाजन को पाटने में मदद करेगा।
: यह आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के सिद्धांतों के अनुरूप है।
इसका महत्व:
: यह उच्च-स्तरीय संचार प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिस पर परंपरागत रूप से उन्नत अर्थव्यवस्था और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र वाले देशों का वर्चस्व रहा है।
: इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना से भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की खोज में गेम-चेंजर बनने की उम्मीद है।