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संदर्भ-भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) और कलकत्ता विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में पुराने विश्व बंदर की एक नई प्रजाति दर्ज की गई थी।
प्रमुख तथ्य-अरुणाचल के सेला दर्रे (Sela Pass) के बाद इस प्रजाति का नाम सेला मकाक (Sela macaque) (मकाका सेलाई/Macaca selai) रखा गया।
:अध्ययन से पता चला है कि इस दर्रे ने भौगोलिक रूप से सेला मकाक को तवांग जिले के अरुणाचल मकाक (मकाका मुंजाला-Macaca munzala) से लगभग दो मिलियन वर्षों से अलग किया है।
:सेला दर्रा पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में दिरांग और तवांग शहरों के बीच स्थित है।
:विशेषज्ञ टीम ने सेला मैकाक की विशिष्टता की पहचान करने के लिए ‘फाइलोजेनेटिक्स‘,एक प्रजाति या जीवों के समूह के विकासवादी विकास और विविधीकरण से संबंधित एक अध्ययन किया है।
:इस विशेषज्ञ टीम में मुकेश ठाकुर,अविजीत घोष,सुजीत के सिंह, ऋतम दत्ता,ललित के शर्मा,कैलाश चंद्र और धृति बनर्जी।
:अध्ययन से पता चला कि सेला मकाक आनुवंशिक रूप से अरुणाचल मकाक के समान शारीरिक विशेषताओं के साथ करीब हैं।
:प्रजातियों को कुछ विशिष्ट रूपात्मक लक्षणों जैसे,लंबी पूंछ,पीला चेहरा और सेला मकाक के भूरे रंग के कोट के साथ विभेदित किया जा सकता है।