सन्दर्भ:
: कर्नाटक सरकार और केंद्र के बीच वर्षों की खींचतान के बाद, अंततः केंद्र सरकार की तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान योजना (PRASHAD योजना) के तहत चामुंडी पहाड़ियों के विकास पर कुछ प्रगति हुई है।
PRASHAD योजना के बारें में:
: पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में PRASHAD (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) की शुरुआत की गई थी।
: यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य पहचाने गए तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है।
: इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य तीर्थ और विरासत स्थलों पर पर्यटन अवसंरचना का विकास करना है, जिससे तीर्थयात्रियों और विरासत के प्रति उत्साही लोगों के लिए अधिक समृद्ध अनुभव सुनिश्चित हो सके।
: इस योजना के तहत, मंत्रालय इन स्थलों पर पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
: इसके अतिरिक्त, इस योजना में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से स्वैच्छिक योगदान शामिल है।
: इस योजना का लक्ष्य- बुनियादी ढांचे का विकास करना है, जैसे प्रवेश बिंदु (सड़क, रेल और जल परिवहन), अंतिम-मील संपर्कता, बुनियादी पर्यटन सुविधाएं जैसे सूचना/व्याख्या केंद्र, एटीएम/मुद्रा विनिमय, परिवहन के पर्यावरण अनुकूल तरीके, क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से रोशनी, पार्किंग, पेयजल, शौचालय, क्लॉकरूम, प्रतीक्षा कक्ष, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प बाजार/हाट/स्मारिका दुकानें/कैफेटेरिया, वर्षा आश्रय, दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट संपर्कता आदि।