सन्दर्भ:
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: केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित चौदह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश,ने PM-USHA योजना (Pradhan Mantri Uchchatar Shiksha Abhiyan) के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
इसका उद्देश्य है:
: उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाना, मानदंडों और मान्यता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना, शासन और शैक्षणिक सुधारों को बढ़ावा देना और अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना।
राज्यों के PM-USHA योजना में शामिल न होने के कारण:
: PM-USHA योजना अनिवार्य करती है कि राज्य अगले तीन वर्षों के लिए लगभग ₹13,000 करोड़ की धनराशि प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करें।
: साथ ही, 40% फंड की व्यवस्था राज्यों को खुद करनी होगी।
: राज्यों का तर्क है कि उनके पास NEP से संबंधित बदलाव लाने के लिए धन नहीं है।
PM-USHA योजना के बारें में:
: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में जून 2023 में RUSA (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) योजना का नाम बदलकर “प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA योजना)” (एक केंद्र प्रायोजित योजना) कर दिया गया है।
: मुख्य फोकस- PM-USHA का लक्ष्य उच्च शिक्षा में बदलाव लाना, गुणवत्ता और समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचार, अनुसंधान और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देना है।
: प्रमुख विशेषताऐं- MERU (बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय) परिवर्तन: बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान के लिए 35 राज्य विश्वविद्यालयों में से प्रत्येक को 100 करोड़ रुपये का समर्थन।
1- मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना।
2- विश्वविद्यालयों को मजबूत करने के लिए अनुदान।
3- दूरस्थ, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित, आकांक्षी और कम सकल नामांकन वाले क्षेत्रों को लक्षित करना।
4- लिंग समावेशन, समानता और आईसीटी-आधारित रोजगार कौशल के लिए राज्य सरकार को सहायता।
RUSA के बारें में:
: RUSA, एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में अक्टूबर 2013 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य पूरे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्त पोषण प्रदान करना था।