सन्दर्भ:
: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में कृषि में पीएम-आशा (PM-AASHA) मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme) को 2025-26 तक बढ़ा दिया है।
PM-AASHA योजना के बारे में:
: यह एक व्यापक योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है।
: पीएम आशा के तीन घटक हैं, और राज्य अपनी इच्छानुसार किसी भी एक को चुन सकते हैं।
: ये तीन घटक हैं-
1- मूल्य समर्थन योजना (PSS):
- PSS में दालों, तिलहनों और खोपरा की भौतिक खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा राज्य सरकारों की सक्रिय भूमिका के साथ की जाएगी।
- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) के अलावा, भारतीय खाद्य निगम (FCI) राज्यों/जिलों में PSS संचालन करेगा
- खरीद व्यय और खरीद के कारण होने वाले नुकसान को मानदंडों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
2- मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (PDPS):
- PDPS के तहत, उन सभी तिलहनों को शामिल करने का प्रस्ताव है जिनके लिए एमएसपी अधिसूचित है।
- एमएसपी और बिक्री/मॉडल मूल्य के बीच के अंतर का सीधा भुगतान पूर्व-पंजीकृत किसानों को पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से अधिसूचित बाजार यार्ड में अपनी उपज बेचने के लिए किया जाएगा।
- सभी भुगतान सीधे किसान के पंजीकृत बैंक खाते में किए जाएंगे।
- इस योजना में फसलों की कोई भौतिक खरीद शामिल नहीं है, क्योंकि किसानों को अधिसूचित बाजार में निपटान पर MSP मूल्य और बिक्री/मॉडल मूल्य के बीच के अंतर का भुगतान किया जाता है।
- PDPS के लिए केंद्र सरकार का समर्थन मानदंडों के अनुसार दिया जाएगा।
3- निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजनाओं (PPPS) का पायलट:
- तिलहन के लिए PDPS के अलावा, राज्यों के पास निजी स्टॉकिस्टों की भागीदारी के साथ चयनित जिलों/जिले की कृषि उपज बाजार समिति (APMC) में पायलट आधार पर PPSC शुरू करने का विकल्प है।
- यह योजना निजी खिलाड़ियों को फसलों की खरीद में भाग लेने की अनुमति देगी।
- पायलट जिला/जिले की चयनित APMC तिलहन की एक या अधिक फसलों को कवर करेगी, जिनके लिए एमएसपी अधिसूचित है।
: एक वस्तु के संबंध में एक राज्य में केवल एक ही योजना, अर्थात PSS या PDPS, क्रियान्वित की जा सकेगी।