सन्दर्भ:
:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज NIIO (नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन) सेमिनार Swavlamban को संबोधित किया।
Swavlamban सेमिनार का उद्देश्य है:
: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारतीय उद्योग और शिक्षाविदों को शामिल करना।
Swavlamban प्रमुख तथ्य:
:प्रधानमंत्री ने ‘स्प्रिंट चैलेंज’ का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है
:भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है।
:नवाचार महत्वपूर्ण है और इसे स्वदेशी होना चाहिए।
:पहले स्वदेशी विमानवाहक द्वारा कामकाज शुरू करने की प्रतीक्षा जल्दी ही समाप्त होगी।
:आत्मनिर्भर भारत के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण की तरह, राष्ट्र की रक्षा के लिए ‘संपूर्ण राष्ट्र’ का दृष्टिकोण समय की आवश्यकता है।
:भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है।
:आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले Swavlamban सेमिनार का आयोजन होना, इस दिशा में अहम कदम है।
:इस दौर में 75 स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का निर्माण एक तरह से पहला कदम है।
:भारत का डिफेंस सेक्टर, आजादी से पहले भी काफी मजबूत हुआ करता था। आजादी के समय देश में 18 ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज थीं, जहां आर्टिलरी गन समेत कई तरह के सैनिक साजो-सामान हमारे देश में बना करते थे।
:नवाचार महत्वपूर्ण है और इसे स्वदेशी होना चाहिए,आयातित सामान नवाचार का स्रोत नहीं हो सकता।
:आज डिफेंस आरएंडडी को प्राइवेट सेक्टर, एकेडमिया, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के लिए खोल दिया गया है।
:बीते 4-5 सालों में हमारा डिफेंस इंपोर्ट लगभग 21 प्रतिशत कम हुआ है।
:पिछले वर्ष 13 हजार करोड़ रुपये मूल्य का 70 प्रतिशत से अधिक रक्षा निर्यात निजी क्षेत्र से हुआ था।
:आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के रूप में, एनआईआईओ, रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) के साथ मिलकर भारतीय नौसेना में कम से कम 75 नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों/उत्पादों को शामिल करने का लक्ष्य रखता है।
:दो दिनों 18-19 जुलाई तक चलने वाले Swavlamban सेमिनार में उद्योग, शिक्षा, सेवाओं से जुड़े दिग्गजों और सरकार को रक्षा क्षेत्र के लिए विचारों और सिफारिशों के साथ एक साझा मंच पर एक साथ आने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।