सन्दर्भ:
: हाल ही में, केरल सरकार ने दुनिया की सबसे तेज़ मौसम चेतावनी प्रणालियों में से एक, KaWaCHaM का शुभारम्भ किया।
KaWaCHaM के बारें में:
: KaWaCHaM एक उन्नत आपदा चेतावनी प्रणाली है जो राज्य की प्रारंभिक आपदा तैयारियों और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए अलर्ट, सायरन और वैश्विक मौसम मॉडल को एकीकृत करती है।
: KaWaCHaM’ का मतलब है- केरल चेतावनी संकट और खतरा प्रबंधन प्रणाली (Kerala Warnings Crisis and Hazards Management System), और मलयालम में कवचम शब्द का अर्थ है ‘ढाल’, जो सुरक्षा का प्रतीक है।
: इसे जलवायु परिवर्तन से प्रेरित चरम मौसम की घटनाओं के दौरान बचाव और पुनर्वास प्रयासों को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: इसे राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और विश्व बैंक से वित्त पोषण के साथ विकसित किया गया है।
: इसकी मुख्य विशेषताएं-
- इसमें खतरे का आकलन, चेतावनी जारी करना और खतरे के स्तर के अनुसार कार्रवाई की योजना बनाना शामिल है।
- इसका उद्देश्य ऊंचे टावरों, सरकारी इमारतों और स्कूलों पर 126 सायरन और स्ट्रोब लाइट लगाना है।
- प्रत्येक सायरन में स्ट्रोब लाइट में तीन रंग- लाल, पीला और नारंगी- होते हैं और यह आठ लाउडस्पीकरों से सुसज्जित होता है।
- ये सायरन 1,200 मीटर दूर तक चेतावनी प्रसारित कर सकते हैं और आपातकालीन शिविरों और सुरक्षा सावधानियों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
- इस प्रणाली में विभिन्न चेतावनियाँ प्रदान करने के लिए पहले से रिकॉर्ड किए गए ध्वनि संदेश और ऑडियो अलर्ट शामिल होंगे।
- परियोजना के तहत, राज्य सभी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को एक ढांचे में एकीकृत करता है जो ज्ञान का प्रसार करता है, चेतावनी जारी करता है, उभरते संकटों की निगरानी करता है और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
: इसके कार्य-
- KaWaCHaM विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र करता है, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग, INCOIS और CWC जैसे मौसम नेटवर्क, निजी और सार्वजनिक एजेंसियां, सोशल मीडिया नेटवर्क और इंटरनेट शामिल हैं।
- चेतावनी में समुद्री हमले, भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ और अत्यधिक गर्मी शामिल होगी।
- इसका नेतृत्व राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र करेगा, यह तालुक (उप-जिला) स्तर पर काम करेगा और सभी संवेदनशील क्षेत्रों को कवर करेगा।