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IRNSSIRNSS
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सन्दर्भ:

: ISRO 2026 तक अपने भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) के लिए तीन नेविगेशन उपग्रह लॉन्च करेगा।

IRNSS के बारे में:

: यह भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसे NavIC (भारतीय नक्षत्र के साथ नौवहन) के नाम से भी जाना जाता है।
: इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा भारत में विकसित किया गया है।
: IRNSS, भू-समकालिक कक्षा (GEO) और भू-स्थिर कक्षा (GSO) अंतरिक्षयानों तथा अत्याधुनिक भू-प्रणालियों के संयोजन का उपयोग करके एक क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली की स्थापना की परिकल्पना करता है।
: आच्छादित क्षेत्र- IRNSSNavIC को भारत और उसकी सीमा से 1500 किलोमीटर तक फैले क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति सूचना सेवा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: IRNSS-NavIC नेटवर्क- नाविक को सात उपग्रहों के एक समूह और चौबीसों घंटे संचालित होने वाले भू-स्टेशनों के एक नेटवर्क के साथ डिज़ाइन किया गया है।

  • तीन उपग्रह GSO में स्थापित हैं।
  • चार उपग्रह झुके हुए GEO में स्थापित हैं।

: IRNSS दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है:-

  • मानक पोजिशनिंग सेवा (SPS) – जो सभी उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाती है।
  • प्रतिबंधित सेवा (RS) – एक एन्क्रिप्टेड सेवा जो केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाती है।

: GPS, GLONASS, गैलीलियो और BeiDou सहित अन्य वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणालियों (GNSS) के सिग्नल, NavIC SPS सिग्नलों के साथ अंतर-संचालनीयता प्रदान करते हैं।


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By gkvidya

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