सन्दर्भ:
: भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान ने हाल ही में INS राजाली, अरक्कोणम में लंबी दूरी की समुद्री टोही (LRMR) पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें भारत की बढ़ती समुद्री जिम्मेदारियों और निगरानी क्षमताओं को रेखांकित किया गया।
INS राजाली के बारे में:
: यह तमिलनाडु में अरक्कोणम के पास स्थित एक भारतीय नौसेना वायु स्टेशन है।
: इसे 11 मार्च, 1992 को कमीशन किया गया था।
: इसका नाम ‘राजाली’ रखा गया है, जो तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र में पाए जाने वाले हॉक परिवार के एक आक्रामक पक्षी के नाम पर रखा गया है।
: यह वायु स्टेशन 2,200 एकड़ में फैला है और चेन्नई से 80 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
: INS राजाली सबसे आधुनिक और सबसे बड़ा नौसेना वायु स्टेशन है, जिसकी गैरीसन क्षमता 4,700 कर्मियों की है।
: यह दो बहुत ही विशिष्ट कार्यों – संचालन और प्रशिक्षण – में योगदान देता है।
: यह भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान के अधीन संचालित होता है और इसका सैन्य रनवे एशिया में सबसे लंबा है।
: यह नौसेना के INS 312 स्क्वाड्रन का घर है, जो P8I के साथ समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी युद्ध में अग्रणी रहा है।
: P8I बेड़े की मेजबानी के अलावा, यह MQ-9B C गार्जियन ड्रोन का भी संचालन करता है, जो हिंद महासागर के विशाल विस्तार में उच्च-धीरज संचालन के लिए तकनीकी बढ़त प्रदान करता है।
: INS राजाली नौसेना के हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल का भी घर है।
