सन्दर्भ:
: भारत ने हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित दो अत्याधुनिक डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (DSV), INS निस्तार और INS निपुण को नौसेना में शामिल किया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
INS निस्तार और INS निपुण के बारें में:
: यह एक खास तरह का जहाज है जो गहरे समुद्र में गोता लगाने और पनडुब्बियों को बचाने में मदद करेगा।
: INS निस्तार का नाम 1971 के उस जहाज के नाम पर रखा गया है जिसने एक पनडुब्बी दुर्घटना में चालक दल के सदस्यों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
: यह नया जहाज आधुनिक क्षमताओं और उन्नत प्रणालियों के साथ उस विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
: इसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है।
: INS निस्तार से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।
: नौसेना ने 2018 में ऐसे दो जहाज बनाने का ऑर्डर दिया था।
: INS निस्तार उनमें से पहला है।
: इसका दूसरा जहाज INS निपुण 2022 में लॉन्च हुआ था।
: INS निपुण, जिसका हिंदी में अर्थ “विशेषज्ञ” होता है, गहरे समुद्र में परिचालन के लिए पोत की सटीकता, तकनीकी बढ़त और मिशन-तत्परता पर जोर देता है।
: INS निस्तार और INS निपुण की प्रमुख विशेषताऐं:-
- INS निस्तार और INS निपुण भारत में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित अपनी तरह के पहले जहाज हैं, जो नौसेना इंजीनियरिंग में तकनीकी परिपक्वता का प्रदर्शन करते हैं।
- रक्षा मंत्रालय की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत HSL, विशाखापत्तनम द्वारा विकसित, ये जहाज जहाज निर्माण और समुद्री प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- यह 300 मीटर तक की गहराई पर गोताखोरों की तैनाती को सक्षम बनाता है, तथा पानी के नीचे मरम्मत, बचाव और बचाव कार्यों में सहायता करता है।
- इन्हें गहरे पानी में पानी के भीतर निगरानी और पुनर्प्राप्ति मिशन के लिए तैनात किया जा सकता है।
- क्रमशः जलमग्न जहाजों या मलबे का पता लगाने और जहाज पर लगे सिस्टम का प्रबंधन करने में सहायता करना।
- पनडुब्बी आपातस्थितियों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे निष्क्रिय पनडुब्बियों से कर्मियों को समय पर और सुरक्षित रूप से निकाला जा सकता है।
- मानवीय और सामरिक उपयोगिता।
: INS निस्तार और INS निपुण के महत्व:-
- पनडुब्बी बचाव क्षमताओं को बढ़ाना।
- तटीय और गहरे समुद्र में संचालन के लिए रणनीतिक तैनाती।
- स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा।