सन्दर्भ:
: बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रथम भारत समुद्री विरासत सम्मेलन (IMHC 2024) में भारत की समुद्री विरासत और वैश्विक व्यापार में योगदान का जश्न मनाया गया तथा भविष्य के नवाचारों पर चर्चा की गई।
IMHC 2024 के बारें में:
: इस सम्मेलन का विषय/थीम था “वैश्विक समुद्री इतिहास में भारत की स्थिति को समझना” जिसमें वैश्विक समुद्री व्यापार, संस्कृति और नवाचार में भारत के योगदान पर ध्यान केंद्रित किया गया।
: इसमें 20 से अधिक स्टॉल के माध्यम से प्राचीन जहाज निर्माण तकनीक, नौवहन उपकरण और ऐतिहासिक व्यापार मार्गों का प्रदर्शन किया गया।
: इस सम्मेलन में ग्रीस, इटली और यूके जैसे देश शामिल हुए, जिन्होंने भारत के समुद्री इतिहास के वैश्विक महत्व पर जोर दिया।
: भारत की तटीय परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उत्सव के साथ विद्वता का मिश्रण किया गया।
: इसमें भारत के समुद्री इतिहास और इसकी भविष्य की आकांक्षाओं, जिसमें समुद्री क्षेत्र में युवाओं की भूमिका, कौशल विकास और सतत अभ्यास शामिल हैं, का पता लगाया गया।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC):
: स्थान और ऐतिहासिक महत्व-
- गुजरात के लोथल में स्थित, यह एक प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल (2600 ईसा पूर्व) है।
- पुरातात्विक साक्ष्यों में दुनिया का सबसे पुराना मानव निर्मित डॉकयार्ड शामिल है, जो 5,000 साल से भी ज़्यादा पुराना है।
: NMHC की विशेषताएं- इसका लक्ष्य ऐतिहासिक और आधुनिक समुद्री गतिविधियों को एकीकृत करते हुए दुनिया के सबसे बड़े समुद्री परिसरों में से एक बनना है।
: मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं-
- 14 विषयगत दीर्घाएँ।
- ओपन एक्वेटिक गैलरी और लाइटहाउस संग्रहालय।
- इको-रिसॉर्ट, थीम पार्क और समुद्री अनुसंधान संस्थान।