सन्दर्भ:
: वैश्विक शांति सूचकांक 2025 (GPI 2025) में आइसलैंड को सबसे शांतिपूर्ण देश बताया गया है, जबकि भारत 163 देशों में 115वें स्थान पर रहा, जो उसके शांति स्कोर में मामूली सुधार को दर्शाता है।
GPI 2025 के बारे में:
: शांति के आधार पर देशों की वार्षिक रैंकिंग।
: इसमें 163 राज्य और क्षेत्र शामिल हैं, जो दुनिया की 99.7% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
: इसे अर्थशास्त्र एवं शांति संस्थान (IIP), एक अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक जिसका मुख्यालय सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में है द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
: मानदंड- GPI तीन व्यापक क्षेत्रों में 23 संकेतकों के आधार पर देशों का मूल्यांकन करता है:-
- सामाजिक सुरक्षा एवं संरक्षा (अपराध दर, राजनीतिक स्थिरता, शरणार्थियों का प्रभाव)।
- जारी घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष (युद्ध, आतंकवाद, नागरिक अशांति)।
- सैन्यीकरण (सैन्य व्यय, हथियारों का आयात/निर्यात, सशस्त्र कार्मिक)।
2025 का रुझान और रैंकिंग:
: शीर्ष प्रदर्शनकर्ता- आइसलैंड (प्रथम), उसके बाद आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फ़िनलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्ज़रलैंड, सिंगापुर, पुर्तगाल, डेनमार्क, स्लोवेनिया।
: सबसे कम शांतिपूर्ण- रूस, यूक्रेन, सूडान, डीआर कांगो, यमन।
: क्षेत्रीय रुझान:-
- शीर्ष 10 में यूरोप का दबदबा है।
- दक्षिण अमेरिका में सुधार हुआ है (अर्जेंटीना, पेरू)।
- उप-सहारा अफ्रीका और मध्य पूर्व सबसे कम शांतिपूर्ण बने हुए हैं।
- आंतरिक संघर्षों, सैन्यीकरण और भू-राजनीतिक विभाजन के कारण वैश्विक औसत शांति में गिरावट आई है।
भारत और GPI 2025:
: भारत 2.229 अंकों के साथ 115वें स्थान पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.58% की वृद्धि है।
: सुधार के कारक- घरेलू हिंसा और विवादों में क्रमिक कमी, बेहतर सामाजिक स्थिरता।
: चुनौतियाँ- उच्च सैन्यीकरण, सीमा पार तनाव और छिटपुट आंतरिक अशांति।