सन्दर्भ:
:गूगल ने मंगलवार को प्रशंसित भारतीय कवयित्री (Balamani Amma) बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती पर उन्हें समर्पित एक विशेष डूडल बनाकर मनाया।
बालमणि अम्मा (Balamani Amma)
:अम्मा का जन्म 1909 में केरल के त्रिशूर जिले में स्थित पुन्नायुरकुलम में हुआ था।
:उन्हें मलयालम कविता की ‘अम्मा’ (माँ) और ‘मुथस्सी’ (दादी) के रूप में जाना जाता है।
:Balamani Amma 1987 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण जैसे विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों की प्राप्तकर्ता थीं; 1965 में मुथासी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार; 1995 में निवेद्यम के लिए सरस्वती सम्मान, अन्य के साथ में।
:उनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ अम्मा, मज़ुविंते कथा (द स्टोरी ऑफ़ द एक्स) और संध्या थीं।
:अम्मा की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी और वह अपने मामा और उनके पुस्तकालय से बहुत प्रभावित थीं।
:उन्होंने अनुवाद सहित अन्य कार्यों के साथ कविताओं के 20 से अधिक संकलन प्रकाशित किए।
:अम्मा के अन्य प्रभावों में वल्लथोल नारायण मेनन, आधुनिक मलयालम के विजयी कवियों में से एक और नलपत नारायण मेनन शामिल हैं।
:उसने बाद के लिए एक शोकगीत लिखा, लोकंतरंगलिल।
:अम्मा ने मलयालम कवियों की बाद की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया है, जिसका एक प्रमुख उदाहरण अक्किथम अच्युतन नंबूथिरी है।
:कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला उनके नाम पर लेखकों के लिए बालमणि अम्मा पुरस्कार के लिए नकद पुरस्कार देता है।
:उनकी बेटी, कमला दास, एक प्रसिद्ध लेखिका भी बनेंगी। दास की आत्मकथा एंटे कथा (माई स्टोरी) 20वीं सदी के भारतीय साहित्य में सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध कृतियों में से एक है।