सन्दर्भ:
: भारतीय रेलवे ने कई राज्यों में ट्रेन-हाथी की टक्कर को रोकने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उपयोग करके ‘गजराज’ AI सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
‘गजराज’ पर अधिक जानकारी:
: सॉफ्टवेयर AI और OFC का उपयोग करके रेलवे पटरियों के पास संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाकर 200 मीटर के भीतर अलर्ट ट्रिगर करता है।
: ‘गजराज’ ऑप्टिकल संकेतों में भिन्नता की पहचान करके हाथियों, अन्य जानवरों और मनुष्यों के बीच अंतर करता है।
: गतिविधि का पता चलने पर लोकोमोटिव पायलटों, नियंत्रण कक्ष कर्मियों और सेक्शन स्टेशन मास्टरों को अलर्ट भेजा जाता है।
: रेल मंत्री ने पिछले तीन वर्षों में ट्रेन दुर्घटनाओं में 45 हाथियों की मौत का हवाला देते हुए इस पहल की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
: असम में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया सॉफ्टवेयर अगले आठ महीनों के भीतर कई राज्यों में 700 किलोमीटर के हाथी गलियारों में तैनात किया जाएगा।
भारत में हाथी गलियारा के बारें में:
: हाथी गलियारों को भूमि की एक पट्टी के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो हाथियों को दो या दो से अधिक अनुकूल आवासों के बीच आवाजाही में सक्षम बनाता है।
: 2010 में भारत सरकार द्वारा पंजीकृत 88 के मुकाबले हाथी गलियारे बढ़कर 150 हो गए हैं।
: देश में हाथियों की आबादी 30,000 से अधिक होने का अनुमान है।
: केंद्र सरकार द्वारा जारी एक नई हाथी गलियारा रिपोर्ट में भारत के 15 हाथी रेंज वाले राज्यों में हाथी गलियारों में 40% की वृद्धि देखी गई है।
: पूर्व मध्य क्षेत्र ने 35% यानी 52 गलियारों में योगदान दिया, जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र 32% यानी कुल 48 गलियारों के साथ दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र था।
: दक्षिणी भारत में 32 दर्ज किए गए, जो हाथी गलियारों का 21% है, जबकि उत्तरी भारत 18 गलियारों या 12% के साथ सबसे कम था।
: हाथी गलियारों में वृद्धि यह भी दर्शाती है कि हाथियों ने छत्तीसगढ़ के पड़ोसी महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और कर्नाटक की सीमा से लगे दक्षिणी महाराष्ट्र में अपनी सीमा का विस्तार किया है।