सन्दर्भ:
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: माननीय प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी PLI 2.0 योजना को मंजूरी दी।
इसकी पृष्ठभूमि:
: सरकार ने फरवरी 2021 में 7,350 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर के उत्पादन को कवर करते हुए आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।
: अप्रैल 2020 में मोबाइल फोन उत्पादन पर ध्यान देने के साथ शुरू की गई PLI योजना ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है।
: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।
PLI 2.0 योजना और उत्पादन:
: भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण ने पिछले 8 वर्षों में 17% CAGR के साथ लगातार वृद्धि देखी है।
: इस साल इसने उत्पादन में एक प्रमुख बेंचमार्क को पार कर लिया – 105 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये)
: मोबाइल फोन का निर्यात इस साल 11 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 90 हजार करोड़ रुपए) के बड़े पड़ाव को पार कर गया है।
: वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र भारत आ रहा है, और भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश के रूप में उभर रहा है
: मोबाइल फोन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) की सफलता के आधार पर केंद्रीय कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 योजना को मंजूरी दी।
PLI 2.0 योजना की मुख्य विशेषताएं:
: आईटी हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 योजना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस शामिल हैं।
: योजना का बजटीय परिव्यय 17,000 करोड़ रुपये है।
: इस योजना की अवधि 6 वर्ष है।
PLI योजना का महत्व:
: भारत सभी वैश्विक बड़ी कंपनियों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में उभर रहा है।
: बड़ी आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
: यह देश के भीतर अच्छी मांग वाले एक मजबूत आईटी सेवा उद्योग द्वारा समर्थित है।
: अधिकांश बड़ी कंपनियां भारत में स्थित एक सुविधा से भारत के भीतर घरेलू बाजारों की आपूर्ति करना चाहती हैं और साथ ही भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं।
: इससे 75 हजार प्रत्यक्ष रोजगार सहित दो लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।