सन्दर्भ:
: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने गंगा उत्सव 2022 – नदी महोत्सव का आयोजन 4 नवंबर को नई दिल्ली में दो सत्रों में किया।
इसका उद्देश्य है:
: भारत की सभी नदियों (नदी उत्सव) को मनाना है।
गंगा उत्सव 2022:
: गंगा उत्सव 2022, गंगा उत्सव का छठा संस्करण है।
: एनएमसीजी 2017 से हर साल 4 नवंबर को गंगा उत्सव मना रहा है।
: वर्ष 2008 में इसी दिन गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था।
: गंगा उत्सव 2022 आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित है।
: इस उत्सव के माध्यम से, भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित किया जाता है।
: गंगा उत्सव 2022 आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित है जिसे भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है।
: स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गंगा बेसिन राज्यों में अकाम की अवधि में उत्सव के 75 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
: अर्थ गंगा के तहत घाट में हाट, घाट पर योग, गंगा आरती आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
: गंगा उत्सव 2022 स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आयोजित किया जा रहा है, इसलिए अगस्त 2023 तक गंगा और इसकी सहायक नदी के बेसिन वाले शहरों और कस्बों में 75 अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है।
: इसके तहत हरिद्वार, मथुरा, दिल्ली, कानपुर, वाराणसी, पटना, भागलपुर, कोलकाता आदि जैसे 15 प्रमुख नगरों में 3-दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
: 1 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 60 छोटे शहरों/कस्बों में किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय और अखिल भारतीय संस्कृति आधारित कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा।
: मोक्षदायिनी माँ गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि भारत में युगों से बहने वाले धर्म, दर्शन, संस्कृति, सभ्यता का आधार है।
: अर्थ गंगा के माध्यम से, भारत गंगा बेसिन के पास रहने वाले व्यक्तियों के लिए आर्थिक अवसर पैदा कर रहे हैं।
: नमामि गंगे, गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण, संवर्धन और कायाकल्प के लिए एक समग्र और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम है।
: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा संचालित यह कार्यक्रम पूरे देश में एक नदी कायाकल्प मॉडल के रूप में उभर रहा है।