सन्दर्भ:
:NCPCR ने अधिक सुविधाओं को शामिल करने के लिए ई-बाल निदान पोर्टल को नया रूप दिया है जिससे शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ NCPCR और SCPCR को शिकायतों को निपटाने में आसानी होगी।
ई-बाल निदान पोर्टल के बारें में:
:2015 में शुरू “ई-बाल निदान“ एक ऑनलाइन शिकायत तंत्र है जो व्यक्तियों को एक बच्चे के खिलाफ किए गए उल्लंघनों की रिपोर्ट करने में सक्षम बना सके और आयोग में शिकायत के निवारण की प्रगति को ट्रैक कर सकें।
:पोर्टल NCPCR में शिकायत करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है और निवारण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
:यह NCPCR द्वारा मामलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करता है।
:पोर्टल एनसीपीसीआर से पंजीकृत शिकायतों को संबंधित राज्य आयोग को स्थानांतरित करने का विकल्प भी प्रदान करता है।
:यदि राज्य आयोग NCPCR को शामिल करना चाहता है तो यह संयुक्त जांच का विकल्प भी देता है।
:वर्तमान में, NCPCR बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए सभी राज्य आयोगों तक पहुंच प्रदान कर रहा है।
:यह राज्य आयोगों के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान करेगा ताकि वे पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को देख सकें और कानून द्वारा आवश्यक कदम उठा सकें।
:यह पोर्टल किशोर न्याय, PSCSO, बाल श्रम, शिक्षा आदि जैसे विषयों के आधार पर शिकायतों को अलग कर देता है।
:ज्ञात हो कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत स्थापित भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है।
:इसका उद्देश्य भारत में बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा करना है।
:यह POCSO Act, 2012,RTE Act 2009,Juvenile Justice Act 2015,के क्रियान्वयन की समीक्षा भी करता है।