सन्दर्भ:
:Jeevan Shala,जब देश में आदिवासी शिक्षा की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है और भारत के आदिवासी क्षेत्रों में अधिकांश सरकारी स्कूल केवल कागजों पर हैं,तो भील समुदाय ने अपने बच्चों के लिए इस नाम से स्कूल खोल कर मिसाल कायम कर दिया।
Jeevan Shala प्रमुख तथ्य:
:अधिकांश आदिवासी बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त नहीं करते हैं।
:स्कूलों में जाने वाले छात्रों को न केवल नियमित विषयों में बल्कि पानी, जंगल और जमीन के बारे में भी शिक्षित किया जाता है।
:उन्हें जंगल में पाई जाने वाली सभी जड़ी-बूटियों के साथ-साथ खाने योग्य कंदों से भी परिचित कराया जाता है।
:उन्हें उनके उपयोग और खपत के बारे में बताया जाता है।
:छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में ‘शाला संगवारी’ परियोजना का उद्देश्य शिक्षित बैगा आदिवासी युवाओं को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अपने समुदाय के बच्चों को पढ़ाने के लिए रोजगार देना है।