1-राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020 जारी
प्रमुख तथ्य -1:इसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो(BEE) और अलायन्स फॉर ए एनर्जी एफिशिएंट इकॉनमी(AEEE) द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया
2:इसे पहली बार वर्ष 2018 में किया गया था
3:यह 6 राज्यों में 68 संकेतकों का प्रयोग कर 28 राज्यों एवं 8 केंद्र शाषित प्रदेशों द्वारा उनकी ऊर्जा दक्षता में प्रदर्शन का आंकलन करता है
ये क्षेत्र है —भवन,उद्योग नगर पालिका कृषि, परिवहन, क्रॉस सेक्टर,और विद्युत् वितरण कंपनियां
4:इसी आधार पर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदशों को उनके प्रयासों एवं उपलब्धियों के आधार पर रैंक अनुसार वर्गीकृत किया जाता है
जैसे A:फ्रंट रनर- 60 से अधिक स्कोर वाले —- कर्णाटक और राजस्थान
B:अचीवर- 50-60 स्कोर वाले
C:कंटेन्डर- 30-49.5 स्कोर वाले
D:एस्पिरेंट- 30 से काम स्कोर वाले
5:आंध्र प्रदेश छह अन्य राज्यों के साथ,उन राज्यों में से है जिन्होंने सर्वाधिक सुधा देखने को मिला एवं सफल श्रेणी में भी है।
6:राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक का महत्व-
A:रिपोर्ट ऊर्जा दक्षता नीतियों का कुशल निरूपण एवं क्रियान्वयन में मदद करती है।
B:यह राज्य विशिष्ट ऊर्जा दक्षता का लक्ष्य निर्धारित करने औरउसके प्रगति का विश्लेषण करने के लिए एक आधार भी प्रदान करता है।
C:यह राज्यों के बीच उत्कृष्ट प्रथाओं को प्रदर्शित एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
7:सिफारिशें-A:ऊर्जा दक्षता लाभ के लिए निजी क्षेत्र के साथ सहयोग,
B:वित्त पोषण एवं बजट आवंटन में सुधार,
C:उपयोग और ऊर्जा से जुड़ी डाटा संग्रह एवं विश्लेषण को संस्थागत बनाना।
2-त्सुगारू जलडमरूमध्य क्यों है चर्चा में
प्रमुख तथ्य-1:पहली बार पश्चिमी प्रशांत महासागर में रुसी और चीनी बेड़े पहली बार संयुक्त अभ्यास के लिए इस जलडमरू मध्य का प्रयोग किए है
2:यह जलडमरूमध्य होंशु के मुख्य द्वीप और होक्काइडो के उत्तरी प्रान्त को अलग करता है यह विदेशी पोटो के लिए खुला अन्तर्राट्रीय जल निकाय है परन्तु लेकिन एक चॉक पॉइंट पर बहुत संकरा होकर केवल 19.5 किमी चौड़ा ही रह जाता है
3:यह जापान सागर को प्रशांत महासागर आपस में जोड़ता है
4:20वीं शताब्दी से पहले के पश्चिमी मानचित्रों में इस जल मार्ग को संकर जलडमरूमध्य कहा जाता था
3-प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल पहल
क्यों है चर्चा में-पर्यटन मंत्रालय ने 17 प्रतिष्ठित स्थलों की वर्तमान सूची में तीन नये स्थलों को जोड़ा है-
a-कोणार्क सूर्य मंदिर(ओड़िसा),b-केवडिआ (गुजरात),c-गोलकुंडा किला (तेलंगाना)
अन्य 17 है –ताजमहल,फतेहपुर सीकरी——–उत्तर प्रदेश
महाबोधि मंदिर———बिहार
अंजता,एलोरा—- —-महाराष्ट्र
सोमनाथ,धोलावीरा———गुजरात
खजुराहो———मध्य प्रदेश
हुमायूं का मकबरा, लाल किला,कुतुब मीनार—नई दिल्ली
कोल्वा बीच—गोवा
आमेर का किला—राजस्थान
हम्पी—-कर्नाटक
महाबलिपुरम—-तमिलनाडु
काजीरंगा—-असम
कुमारकोम—–केरल
-भारत के पास अभी कुल 40 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है अभी हाल ही में कालेश्वर( रामप्पा मंदिर),और धौलावीरा को शामिल किया गया है।
4-भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा की रक्षा मंत्री बनी
प्रमुख तथ्य -1: कनाडा के प्रधानमंत्री ने अनीता आनंद को रक्षा मंत्री बनाया ओ बहुत समय से रक्षा मंत्री रहे हरजीत सज्जन की जगह लेंगी ये कनाडा में पहली हिन्दू मंत्री होंगी।
2:यह कनाडा के इतिहास में दूसरी महिला रक्षा मंत्री होंगी,इसके पहले 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री किम कैम्पबेल भी रक्षा मंत्री रह चुकी है।
3:अभी अनीता आनंद 2019 से कनाडा के हाउस ऑफ़ कॉमन्स की सदस्य है जो टोरंटो के पास ओकविले से सांसद चुनी गयी है।
4:अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिआ में हुवा इनके पिता एस वी आनंद तमिलनाडु और माता सरोज डी राम पंजाब से है।
5:ये टोरंटो विश्व विद्यालय में लॉ की प्रोफेसर रही है।
6:सांसद बनने के बाद इनको सार्वजानिक सेवा एवं खरीद मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी थी जहा इन्होने कोविड-19 के टीको की खरीद में उनकी सफलता के बाद रक्षा मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया है।
7:अभी मंत्रिमंडल में दूसरी भारतीय कनाडाई कमला खेड़ा भी मंत्री है जो वरिष्ठ नागरिकों के मंत्री के रूप में पदभार संभाला है।
5-AAIB आगामी वर्षो में भारत के के बुनियादी ढांचे में निवेश करेगा
प्रमुख तथ्य-1:असियायी अवसंरचना निवेश बैंक आने वाले बर्षो के भारत के सामाजिक न्याय और जलवायु संवेदी बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए तैया हुआ है।
2:एआईआईबी- एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक(एसियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ) जनवरी 2016 में स्थापित हुआ था जिसके 57 संस्थापक सदस्यों में भारत भी एक है,इस समय इसमें कुल अनुमोदित सदस्यों की संख्या 103 है,फ्रांस,जर्मनी,इटली और यूके सहित G-20 के 14 देश इसके सदस्य है।
3:भारत का वोटिंग प्रतिशत 7.62% जबकि चीन का 26.02% है इस तरह इसमें दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
4:इसका मुख्यालय बीजिंग (चीन) में है तथा इसके अध्यक्ष जिन लिकुन है।
5:उद्देश्य –स्थाई बुनियादी ढांचों और अन्य उत्पादक क्षेत्रो निवेश माध्यम से लोगो,सेवाओं और बाज़ारों आपस में जोड़ना ताकि एक बेहतर भविष्य का निर्माण हो सके
6:इंडो पैसिफिक रीजनल डायलॉग(IPRD) 2021
प्रमुख तथ्य-1:IPRD वार्ता 27 -29 अक्टूबर के बीच तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम के रुप में आयोजित किया जा रहा है।
2:यह भारतीय नौसेना का शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक सम्मलेन है।
3:इस वर्ष का थीम है -इवोलुशन इन मेरिटीइम स्ट्रेटेजी डयूरिंग द 21st सेंचुरी:इम्पेरेटिवे,चैलेंजेज,एंड वे अहेड रखा गया है इसके अतिरिक्त 8 सब थीम्स भी शामिल किये गए है।
4:IPRD की शुरुआत 2018 में किया गया था तब से इसका वार्षिक आयोजन नेशनल मेरिटीमे फाउंडेशन के सहयोग से होता है।
5:इसका उद्देश्य हिन्द प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले अवसरों और चुनौतियों की जायजा लेना है।
7-नेट जीरो उत्सर्जन पर भारत का विरोध
प्रमुख तथ्य-1:क्यों है चर्चा में- विभिन्न देशों और संघठनो ने आने वाले दशक में नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की है। इसे लेकर आगामी COP -26 सम्मलेन में ठोस पहल किये जाने की सम्भावना है।
2क्या है नेट जीरो उत्सर्जन-एक ऐसी अवस्था जिसमे किसी देश के ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की भरपाई वातावरण से ग्रीन हाउस गैसों के अवशोषण और हटाने द्वारा होती है।इसे कॉर्बन-तटस्थता /निष्पक्षता भी कहते है।
3:इसका तात्पर्य ये नहीं हो सकता कि कोई देश अपने कार्बन उत्सर्जन दर को शून्य कर दे।परन्तु इसका तात्पर्य ये है कि की कॉर्बन सिंक में द्वारा ग्रीन हाउस उत्सर्जन और वातावरण में अवशोषित ग्रीन हाउस गैसों के बीच एक पूर्ण संतुलन होना आवश्यक है।
4:कार्बन सिंक क्या है– वायुमण्डल से कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित करने की युक्ति है,जिसके अंतर्गत इसमें शामिल है महासागर,वन,मिटटी,पौधे और अन्य जीव जो कार्बन को अवशोषित करते है।
5:COP-26 की बैठक-31-12 अक्टूबर 2021 के बीच ग्लास्गो(इटली) में आयोजित की जाएगी जिसकी अध्यक्षता UK करेगा इटली के साथ
6:भारत इसका विरोध क्यों कर रहा है- भारत द्वारा अभी तक नेट जीरो उत्सर्जन के लिए अपना कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं वही भारत पर 2050 तक लक्ष्य प्राप्ति का वैश्विक दबाव है जबकि भारत ने इस लक्ष्य प्राप्ति पर सहमत होने की सम्भावना से पूर्ण रूप से मना नहीं किया है।
7:हालाँकि भारत ने उत्सर्जन तीव्रता को अपनी जीडीपी के लगभग 1/3rd करने का लक्ष्य रखा है तथा 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड अतिरिक्त कार्बन सिंक करने की प्रतिबद्धता इसके NDC(राष्ट्रिय निर्धारित योगदान) लक्ष्य के अनुकूल है,भारत ने 2030 450 GW के नवीकरणीय का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
8:भारत, चीन और यूएस के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा को को Co2 उत्सर्जन वाला देश है।
9:भूटान पहले से ही कार्बन नकारात्मक देश है क्यों कि वहां Co2 उत्सर्जन से अधिक अवशोषण है।