सन्दर्भ-बैखो त्योहार (Bikho Festival) के रूप में जानी जाने वाली प्राचीन परंपरा,एक वसंत त्योहार,असम राज्य में जून के महीने में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
प्रमुख तथ्य-यह त्योहार मुख्य रूप से राभा जनजाति (Rabha Tribes) द्वारा मनाया जाता है।
:राभा एक तिब्बती-बर्मन कृषि आधारित समुदाय है जो पश्चिम बंगाल के निचले असम, गारो पहाड़ियों और दूआर क्षेत्र में प्रमुख रूप से रहता है।
:बैखो त्योहार का उत्सव प्रचुर मात्रा में फसल और अच्छा स्वास्थ्य लाने के लिए है।
:त्योहार बुरी आत्माओं को दूर भगाने,पर्याप्त बारिश और समुदाय के लिए सद्भावना लाने के लिए अनुष्ठानों की एक श्रृंखला के साथ मनाया जाता है।
:हालाँकि, अन्य समुदायों के लोग भी उत्सव में सामंजस्य बिठाते हैं।
:शाम को, वे बांस के बंडलों से बने एक लंबे ढांचे को जलाते हैं।
:सूर्यास्त के बाद पुजारी फसल के देवता की पूजा करते हैं।
:प्रार्थना के बाद पुजारी गर्म अंगारों पर दौड़ते हैं, जिन्हें आग से उबाल कर छोड़ दिया जाता है।
:यह कर्म फसल देवता का सम्मान करने के लिए है।
:बाद में महिलाएं पुजारियों के पैर धोकर उन्हें भोजन कराती हैं।
:एक अन्य अनोखे रीति-रिवाज में,राभा जनजाति चावल के आटे से अपने चेहरे पर धब्बा लगाती है और दूसरों के लिए चावल की बीयर डालती है।