सन्दर्भ-खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया योजना के तहत देशभर में 247 खेल अकादमियों को मान्यता दी है।
क्यों आवश्यक है-ग्राम स्तर पर खेल के मैदानों का निर्माण,कॉलेजों में खेल को बढ़ावा देना,खेल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की स्थापना,ऐसे खेलों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ खेलों के समग्र विकास हेतु।
प्रमुख तथ्य-देश भर में विभिन्न श्रेणियों की 289 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय-समय पर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर मंजूरी दी है।
:मंत्रालय ने इंफाल,मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की भी स्थापना की है,जो अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है जहां खेल विज्ञान,खेल प्रौद्योगिकी,खेल कोचिंग के क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के अलावा चयनित खेल विषयों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में कार्य कर रहा है।
:यह विश्वविद्यालय पूरे देश के छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
खेलो इंडिया योजना –
:यह ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों को बढ़ावा देने वाले’ भाग,विशेष रूप से देश में ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों के विकास और प्रचार के लिए समर्पित है।
:इस भाग के तहत मल्लखंब (मध्य प्रदेश के प्रमुख पारंपरिक खेल),कलारीपयट्टू,गतका,थांग-ता,योगासन और सिलमबम को बढ़ावा देने के लिए पहचाना गया है।
:इसके अलावा,हरियाणा के पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आगामी संस्करण में मल्लखंब,कलारीपयट्टू,गतका,थांग-ता और योगासन को भी शामिल किया गया है।