सन्दर्भ-सचिव (टी) श्री के. राजारमन ने “अखिल भारतीय डिजिटल राष्ट्रव्यापी पेंशन अदालत” का उद्घाटन किया।
प्रमुख तथ्य-पेंशन भोगियों की शिकायत को हल करने के लिए “पेंशनर्स डिलाइट” के आदर्श वाक्य के साथ पूरे भारत में सीसीए गठित किए गए हैं,जिसकी 28 फील्ड इकाइयां पूरे देश में करीब 4.5 लाख पेंशनभोगियों की जरूरतों को पूरा कर रही है।
:वरिष्ठ नागरिक की शिकायतों के समाधान के लिए CPGRM का निर्धारित मानक अधिकतम 30 दिन और सामान्य शिकायत 45 दिन का है,परन्तु इसे 30 दिनों के अंदर समाधान का व्यक्तिगत मानक तय किया गया है।
:चुकि पेंशनभोगियों के मामलें संवेदनशील होते है ऐसे में दयाभाव के साथ त्वरित निपटान आवश्यक है।
:साथ में CPMS(SAMPANN) ऐप की भूमिका भी प्रशंसनीय है जो देश भर के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में पेपरलेस,फेसलेस और कैशलेस माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहा है।
:इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 29 दिसंबर 2018 को की गई थी।
:दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयां नियमित रूप से शिकायतों को कम करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करते हैं।
:पिछली राष्ट्रीय डिजिटल पेंशन अदालत 24 नवंबर 2020 को वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।
:इस अदालत के माध्यम से सीसीए 624 मामलों पर विचार करते हुए 90% मामलों का निपटारा उसी दिन कर लिया।
:फील्ड इकाइयों द्वारा कुछ प्रमुख पहलों वितरण और निपटान का काम किया जा रहा है –
1-प्राची (PRACHI-पेंशनर्स इश्यूज रिड्रेसल,असिस्टेंस एंड केयर एट होम इनिशिएटिव),
2-ड्राइव-इन डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सबमिशन,
3-समर्पित टोल फ्री हेल्पलाइन,
4-व्हाट्सएप/वेबसाइट जैसे सोशल मीडिया एप्लिकेशन
5-प्रत्येक कार्यालय में एक समर्पित शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती
:इन इकाइयों के कार्य को देखते हुए इन्हे आईएसओ प्रमाणीकरण से सम्मानित किया गया है।