
सन्दर्भ-तरह प्रमुख नदियों के कायाकल्प के लिए पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 14 मार्च 2022 को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जारी की है।
प्रमुख तथ्य- रिपोर्ट के अनुसार हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदियों के साथ अंतर्देशीय नदी लूनी का भी कायाकल्प किया जाएगा।
:वानिकी हस्तक्षेप के माध्यम से सरकार द्वारा अलग रखे गए 19343 करोड़ का परिव्यय 24 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बहने वाली नदियों का कायाकल्प जाएगा।
:ये प्रमुख नदियों है-यमुना,नर्मदा,गोदावरी,रावी,सतलज,झेलम,चिनाब,व्यास,ब्रह्मपुत्र,महानदी,लूनी,कृष्णा,कावेरी।
:भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRI) देहरादून द्वारा DPR को बनाया जा रहा है।
:इसका वित्तपोषण राष्ट्रीय वनीकरण और पर्यावरण विकास बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
:DPR में प्रमुख नदियों के अतिरिक्त उनकी सहायक नदियों के लिए भी योजना बनाई गई है।
:रावी की सहायक नदियों की कुल संख्या है-6,झेलम-24,चिनाब-17,महानदी-7,कृष्णा-13 और ब्रह्मपुत्र-30 है।
:मरुस्थलीकरण,जैव विविधता सरंक्षण और वन्यजीव सुरक्षा जैसे कई अहम मुद्दों को भी इसके साथ निपटाया जाएगा।
:इन नदियों के किनारें तीन भूदृश्य है-प्राकृतिक,कृषि और शहरी जिनके लिए भी विशेष रूप से योजनाएं बनाई गई है।
:इन नदियों में सामान्य समस्याएं है नदियों के जल प्रवाह में कमी,जलग्रहण क्षेत्रों में वनों की कटाई,कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र,किनारा और मिटटी का कटाव,गाद और स्थानांतरण खेती।
:वानिकी वृक्षारोपण के विभिन्न मॉडलों का उद्देश्य लकड़ी की प्रजातियों,औषधीय पौधों, घास, झाड़ियों और ईंधन के चारे और फलों के पेड़ों पानी को बढ़ाना,भूजल पुनर्भरण और क्षरण को रोकना है।
:सभी DPR में कुल 667 उपचार और वृक्षरोपण मॉडल प्रस्तावित है।
:13 नदियां सामूहिक रूप से 18,90,110 वर्ग किमी के कुल बेसिन क्षेत्र को आच्छादित करती है,जो देश के कुल 57.45% भौगोलिक क्षेत्र को कवर करती है।