
सन्दर्भ-वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से निपटने के लिए स्व-कीटाणुनाशक और जैविक रूप से नष्ट होने वाले फेस मास्क को विकसित किया।
प्रमुख तथ्य-:यह मास्क कोविड-19 विषाणु के साथ-साथ कई अन्य वायरल व बैक्टीरियल संक्रमणों के खिलाफ बेहतर काम करता है।
:यह जैवनिम्निकरण यानी जैविक रूप से नष्ट होने वाला,सांस लेने में सुविधाजनक और धोने योग्य है।
:यह एक स्व-कीटाणुनाशक ‘कॉपर-आधारित नैनोपार्टिकल-कोटेड एंटीवायरल फेस मास्क’ है।
:वायरस के प्रसार को कम करने के लिए मास्क के उपयोग से संबंधित विज्ञान पर तेजी से काम हो रहा है।
:भारतीय बाजार में वैसे महंगे मास्कों की बिक्री हो रही है,जिनमें विषाणुरोधी और जीवाणुरोधी विशेषताएं नहीं होती हैं।
:इस मास्क को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीएसआईआर-सीसीएमबी) और बेंगलुरू स्थित कंपनी रेसिल केमिकल्स की सहभागिता से भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त अनुसंधान व विकास केंद्र- इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फोर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है।
:इसका विकास डीएसटी की प्रायोजित नैनो मिशन परियोजना के तहत किया गया है।
:इसमें लेपित कपड़े ने जीवाणु के खिलाफ 99.9 फीसदी से अधिक की दक्षता का प्रदर्शन किया।
:बेंगलुरू स्थित रेसिल केमिकल्स अब बड़े पैमाने पर ऐसे दोहरी परत वाले मास्क का निर्माण कर रही है।