सन्दर्भ-इस वर्ष पुरे विश्व में 30 जनवरी को मनाया जा रहा है “विश्व कुष्ठ रोग दिवस” इसे भारत में मुख्य रूप से जनवरी के अंतिम सप्ताह में महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है।
:इस तिथि को फ़्रांसिसी मानवतावादी राउल फोलेरेउ द्वारा महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि देने के रूप में चुना गया था।
:इस रोग को हैनसन रोग भी कहा जाता है जिसे नॉर्वेजियन डॉक्टर गेरहार्ड हेनरिक आर्मर हेनसन के नाम पर रखा गया है,जिन्होंने इसके बैक्टीरिया की पहचान की थी।
उद्देश्य-कुष्ठ रोग को समाप्त करने के साथ ही इस रोग से पीड़ित लोगो के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करना है।
थीम है-“यूनाइटेड फॉर डिग्निटी”
कब हुई थी शुरुआत-इसकी शुरुआत 1954 में फ़्रांसिसी मानवतावादी राउल फोलेरेउ द्वारा किया गया था।
कुष्ठ रोग-:कुष्ठ रोग एक संक्रामक बैक्टीरिया जनित रोग है जो मायकोबैक्टीरियम लेप्रे के कारण होता है।
:इस जीवाणु के संक्रमण से नसों,त्वचा,श्वशन नली और आँखों को स्थायी और अपूर्णीय क्षति पहुंचाता है।
:अक्सर इस रोग से पीड़ित रोगी को प्रभावित अंग में दर्द महसूस नहीं कर पाता है जिससे चोटों या घावों की ओर ध्यान नहीं जाता है परिणामस्वरूप प्रभावित अंगो को नुकसान पहुँचता है।
भारत की पहल-भारत ने इसे रोकने और निवारण के लिए राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण कार्यक्रम शुरू किया है।
:भारत में अब यह सार्वजानिक स्वास्थ्य समस्या नहीं रह गई है।
:इस रोग के विशेष मामलें भारत,ब्राजील और इंडोनेशिया पाए जाते है। परन्तु अब भारत में यह 10 हजार लोगों में से 1 व्यक्ति से भी कम प्रभावित है।
:इसके ईलाज के लिए रोगी को मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT) की जरुरत पड़ती है इस थेरेपी के अंतर्गत रोगी को 6 माह से एक वर्ष तक दवाईयों का सेवन करना पड़ता है।