सन्दर्भ- डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल (डीयूके) ने केरल में भारत का पहला ग्रैफेन इनोवेशन सेंटर स्थापित करने के लिए केरल के त्रिशूर में सेंटर फॉर मैटेरियल्स फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (सी-मेट) के साथ साझेदारी की घोषणा की है।
प्रमुख तथ्य-:इस परियोजना को भारत के पहले ग्रैफेन अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) इनक्यूबेटर की स्थापना के लिए चुनाव और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से 86.41 करोड़ रुपये का वित्त पोषण भी प्राप्त होगा।
:टाटा स्टील लिमिटेड को इस परियोजना के लिए औद्योगिक भागीदार के रूप में शामिल किया गया है।
:डॉ. डीयूके के एपी जेम्स और सी-मेट की डॉ. ए सीमा इस परियोजना के मुख्य जांचकर्ता हैं।
:राष्ट्रीय ग्रैफेन संस्थान, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के विभिन्न वैज्ञानिक,और अन्य औद्योगिक भागीदार भी इस परियोजना में सहयोग करेंगे।
:परियोजना बायोमेडिकल,रक्षा,इलेक्ट्रॉनिक्स,ऊर्जा और सेंसर में वाणिज्यिक और औद्योगिक अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगी।
ग्रैफेन के बारे में:ग्रैफेन कार्बन का एक आवंटन है जिसमें दो-आयामी हनीकोम्ब जाली नैनोस्ट्रक्चर में व्यवस्थित परमाणुओं की एक परत होती है।
:ग्रैफेन में इंडियम को बदलने की क्षमता है और यह स्मार्टफोन में OLED (ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड) स्क्रीन की लागत को कम करेगा।
:ग्रैफेन दुनिया का सबसे पतला और मजबूत पदार्थ है। इसमें पारदर्शी और हल्का होने के साथ-साथ अच्छी रासायनिक स्थिरता,उच्च विद्युत चालकता और एक बड़ा सतह क्षेत्र भी है।