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ब्रह्मोस मिसाइल और एमपीएटीजीएम का परीक्षण

सन्दर्भ-भारत ने 11 जनवरी 2022 को अपने पश्चिमी तट से दूर भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्र-से-समुद्र संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
प्रमुख तथ्य-:रक्षा मंत्री के अनुसार आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण के सफल प्रक्षेपण ने भारतीय नौसेना की “मिशन की तत्परता की मजबूती” की पुष्टि की है।
:रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कहा कि मिसाइल परीक्षण के दौरान निर्दिष्ट लक्ष्य जहाज पर सटीक रूप से टकराई।
:ब्रह्मोस,सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
:ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का 8 दिसंबर 2021 को सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
:सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, जिसमें स्वदेशी बूस्टर और एयरफ्रेम सेक्शन के साथ-साथ कई अन्य ‘मेड इन इंडिया’ सब-सिस्टम शामिल हैं, का 30 सितंबर 2020 को निर्धारित सीमा के लिए सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।
:DRDO ने 11 जनवरी 2022 को मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) के अंतिम वितरण योग्य कॉन्फ़िगरेशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
:स्वदेश में विकसित टैंक रोधी मिसाइल कम वजन की, “फायर एंड फॉरगेट” अवधारणा आधारित मिसाइल है,जिसे थर्मल दृष्टि से एकीकृत मानव-पोर्टेबल लांचर से लॉन्च किया गया है।
:एमपीएटीजीएम का परीक्षण न्यूनतम रेंज के लिए लगातार प्रदर्शन को साबित करना था और सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा भी किया गया था।
:मिसाइल में जहाज पर नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए एक लघु अवरक्त इमेजिंग साधक और उन्नत एवियोनिक्स है। मिसाइल के प्रदर्शन को पहले के परीक्षण परीक्षणों में अधिकतम सीमा के लिए बढ़ाया गया है।


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By gkvidya

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