सन्दर्भ:
: हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम (UFRMP) चरण-2 को मंजूरी दी।
शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के बारें में:
: यह कार्यक्रम समान संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक हस्तक्षेप उपायों के माध्यम से शहरों में शहरी बाढ़ के जोखिम को कम करने में राज्यों का सहयोग करेगा।
: शामिल 11 शहर– भोपाल, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, जयपुर, कानपुर, पटना, रायपुर, त्रिवेंद्रम, विशाखापत्तनम, इंदौर और लखनऊ।
: चयन मानदंड– इन 11 शहरों का चयन उनकी सबसे अधिक आबादी वाले शहरों/राज्यों की राजधानियों, मुख्य रूप से बाढ़ की आशंका वाले शहरों, साथ ही अन्य भौतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक-आर्थिक और जल-मौसम संबंधी कारकों के आधार पर किया गया है।
: वित्त पोषण: NDMF के दिशानिर्देशों के अनुसार, वित्त पोषण केंद्र और राज्यों के बीच लागत-साझाकरण के आधार पर होगा, अर्थात 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य देंगे।
: शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत गतिविधियाँ:-
- संरचनात्मक उपायों में जल निकायों को तूफानी जल प्रबंधन से जोड़ना, बाढ़ सुरक्षा दीवार का निर्माण, प्रकृति-आधारित समाधानों (NBS) का उपयोग करके कटाव नियंत्रण और मृदा स्थिरीकरण आदि शामिल हैं।
- गैर-संरचनात्मक उपाय जैसे बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली और डेटा अधिग्रहण प्रणाली और क्षमता निर्माण आदि।
