Thu. Oct 2nd, 2025
साइफन-संचालित विलवणीकरणसाइफन-संचालित विलवणीकरण
शेयर करें

सन्दर्भ:

: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने साइफन-संचालित विलवणीकरण प्रणाली विकसित की है जो समुद्री जल को तेजी से और सस्ते में स्वच्छ पेयजल में परिवर्तित कर देती है।

साइफन-संचालित विलवणीकरण के बारें में:

: यह एक तापीय विलवणीकरण प्रणाली है जो समुद्री जल को लगातार खींचने, वाष्पित करने और संघनित करके पीने योग्य जल में परिवर्तित करने के लिए साइफन के सिद्धांत का उपयोग करती है।
: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु द्वारा इसको विकसित किया गया है।
: यह कैसे काम करता है?

  • कम्पोजिट साइफन: कपड़े की बत्ती + नालीदार धातु की सतह समुद्री जल खींचती है।
  • गुरुत्व प्रवाह: क्रिस्टलीकरण से पहले नमक को बहा ले जाता है।
  • पतली परत वाष्पीकरण: गर्म धातु पर पानी फैलता है और वाष्पित हो जाता है।
  • अति-संकीर्ण वायु अंतराल: केवल 2 मिमी की दूरी पर, वाष्प ठंडी सतह पर संघनित हो जाती है।
  • बहु-चरणीय स्टैकिंग: उच्च दक्षता के लिए कई बाष्पीकरणकर्ता-संघनित्र युग्मों के माध्यम से ऊष्मा का पुनर्चक्रण करता है।

: मुख्य विशेषताएँ:-

  • दक्षता: सूर्य के प्रकाश में प्रति वर्ग मीटर प्रति घंटे 6 लीटर से अधिक पीने योग्य पानी उत्पन्न करता है (सौर स्टिल से कई गुना अधिक)।
  • सामग्री: कम लागत – एल्युमीनियम और कपड़ा।
  • ऊर्जा उपयोग: सौर या अपशिष्ट ऊष्मा पर चलता है; पूरी तरह से ऑफ-ग्रिड संगत।
  • टिकाऊपन: अत्यधिक खारे पानी (20% तक नमक) को बिना रुके संभालता है।
  • मापनीय और टिकाऊ: गाँवों, आपदाग्रस्त क्षेत्रों, द्वीपीय देशों और तटीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।

: इसका महत्व:-

  • जल सुरक्षा: जल संकटग्रस्त और ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने में मदद करता है।
  • नवाचार में उछाल: नमक जमाव और सौर विलवणीकरण में मापन सीमाओं की दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान करता है।
  • सतत विकास: एसडीजी-6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) के अनुरूप कम लागत वाला, पर्यावरण अनुकूल समाधान।
बहुस्तरीय साइफन विलवणीकरण प्रणाली का योजनाबद्ध

शेयर करें

By gkvidya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *