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भारत के डेयरी क्षेत्र में रुझानभारत के डेयरी क्षेत्र में रुझान
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संदर्भ:

: भारत के डेयरी क्षेत्र में रुझान को देखे तो भारत वैश्विक दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर बना हुआ है, और विश्व की आपूर्ति में लगभग 25% का योगदान देता है।

भारत के डेयरी क्षेत्र में रुझान के बारें में:

: डेयरी क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 5% का योगदान देता है, 8 करोड़ से अधिक किसानों को रोजगार देता है, तथा पिछले दशक में दूध उत्पादन में 63.56% की वृद्धि हुई है।
: बढ़ता उत्पादन- दूध उत्पादन 146.3 मीट्रिक टन (2014-15) से बढ़कर 239.3 मीट्रिक टन (2023-24) हो गया, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 5.7% रही।
: प्रति व्यक्ति आपूर्ति- उपलब्धता 48% बढ़कर 471 ग्राम/व्यक्ति/दिन (322 ग्राम के विश्व औसत से काफ़ी ऊपर) हो गई।
: गोजातीय उत्पादकता- राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाओं की बदौलत उत्पादकता में 27.39% (2014-22) की वृद्धि हुई, जो विश्व स्तर पर सर्वाधिक है।
: महिलाओं की भूमिका- लगभग 70% कार्यबल महिलाएँ हैं, और 48,000 से ज़्यादा महिलाओं के नेतृत्व वाली डेयरी सहकारी समितियाँ समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही हैं।
: तकनीकी को अपनाना- 565 लाख से ज़्यादा कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रियाएँ और 38,000 से ज़्यादा मैत्री (MAITRI) सेवाएँ लागू की गईं; आईवीएफ, लिंग-सॉर्टेड वीर्य और संतति परीक्षण डेयरी आनुवंशिकी का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
: श्वेत क्रांति 2.0- इसका लक्ष्य 2028-29 तक 75,000 नई डेयरी सहकारी समितियां स्थापित करना, स्थिरता सुनिश्चित करना और खरीद को 1007 लाख किलोग्राम/दिन तक बढ़ाना है।


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By gkvidya

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