सन्दर्भ:
: हाल ही में, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने भारत में संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि युवा फेलोशिप और आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
आदि युवा फेलोशिप के बारें:
: यह संयुक्त राष्ट्र भारत द्वारा समर्थित है।
: यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जो संरचित शिक्षा, मार्गदर्शन और करियर विकास के माध्यम से आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
: आदि युवा फ़ेलोशिप की विशेषताएँ:-
- इस पहल के तहत, चयनित आदिवासी युवा 12 महीने की सशुल्क फ़ेलोशिप लेंगे, जिसमें ज्ञान-निर्माण, कार्यस्थल पर अनुभव और चिंतनशील अभ्यास के बीच संतुलन बनाने वाली एक अनुकूलित शिक्षण योजना शामिल होगी।
- भत्ते: फ़ेलो को मासिक भत्ते, व्यापक स्वास्थ्य और जीवन बीमा, और उच्च-गुणवत्ता वाले संयुक्त राष्ट्र और वाणिज्यिक शिक्षण प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच प्राप्त होगी।
- यह कार्यक्रम फ़ेलो को राष्ट्रीय कौशल और रोज़गार योजनाओं जैसे PMKVY 4.0, NAPS और प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना से जोड़ेगा।
- चयन प्रक्रिया: फ़ेलो का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ नियुक्त किया जाएगा।
आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक कार्यक्रम के बारे में:
: यह संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) द्वारा समर्थित है।
: इसका उद्देश्य– यह आदिवासी युवाओं को जमीनी स्तर पर बदलाव लाने और आदिवासी क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवा वितरण को मज़बूत करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने हेतु सक्षम बनाएगा।
: 82 संयुक्त राष्ट्र सामुदायिक स्वयंसेवकों को आदि कर्मयोगी स्वयंसेवकों के रूप में मध्य प्रदेश और राजस्थान के 13 जिलों के 82 ब्लॉकों में दो महीने के गहन जमीनी स्तर के जुड़ाव के लिए तैनात किया गया है।
: इसके तहत, स्वयंसेवक ग्राम विजन 2030 की योजना, जागरूकता अभियान, आउटरीच और योजनाओं एवं सेवाओं तक बेहतर पहुँच में सहयोग करेंगे।
