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एर्रा मट्टी डिब्बालूएर्रा मट्टी डिब्बालू
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सन्दर्भ:

: विशाखापत्तनम के निकट एर्रा मट्टी डिब्बालू या लाल रेत के टीले (Red Sand Dunes) और आंध्र प्रदेश में तिरुमाला पहाड़ियों को यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक विरासत स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है।

एर्रा मट्टी डिब्बालू के बारे में:

: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के निकट बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित अधिसूचित राष्ट्रीय भू-विरासत स्मारक
: लगभग 1,500 एकड़ में फैला यह स्मारक दुर्लभ तटीय भू-आकृति विज्ञान संरचनाओं को प्रदर्शित करता है।
इसकी उत्पत्ति एवं इतिहास:-

  • चतुर्थक युग के उत्तरार्ध (लगभग 2.6 मिलियन वर्ष पूर्व) में निर्मित, जलवायु उतार-चढ़ाव और समुद्र-स्तर में परिवर्तन दर्ज करता है।
  • ब्रिटिश भूविज्ञानी विलियम किंग द्वारा 1886 में पहली बार इसका दस्तावेजीकरण किया गया।
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा 2016 में इसे राष्ट्रीय भू-विरासत स्मारक घोषित किया गया।

: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-

  • रेत, गाद और मिट्टी से निर्मित, प्राकृतिक ऑक्सीकरण के कारण विशिष्ट लाल रंग का।
  • इसमें वृक्षाकार अपवाह प्रतिरूप और अवसादी परतें हैं जो प्राकृतिक जलवायु अभिलेखों के रूप में कार्य करती हैं।
  • विश्व स्तर पर ऐसे केवल दो अन्य स्थल मौजूद हैं – एक श्रीलंका में और दूसरा तमिलनाडु में।

: इसका महत्व:-

  • भूवैज्ञानिक महत्व: समुद्र-स्तर में परिवर्तन, मानसून विकास और चतुर्थक भूविज्ञान का अध्ययन करने के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है।
  • शैक्षिक एवं अनुसंधान मूल्य: पुराजलवायु विज्ञान और तटीय भू-आकृति विज्ञान अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण।
  • पर्यटन क्षमता: यदि इसे स्थायी रूप से प्रबंधित किया जाए तो भू-पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।

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By gkvidya

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