Sun. Oct 12th, 2025
ज्ञान भारतमज्ञान भारतम
शेयर करें

सन्दर्भ:

: ‘पांडुलिपि विरासत के माध्यम से भारत की ज्ञान विरासत को पुनः प्राप्त करने’ पर पहला ‘ज्ञान भारतम’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

ज्ञान भारतम सम्मेलन के बारें में:

: संस्कृति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह ‘ज्ञान भारतम’ एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय पहल है, जो भारत की पांडुलिपि धरोहर के संरक्षण, डिजिटलीकरण और प्रसार के लिए समर्पित है।
: इसका आयोजन नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 11 से 13 सितंबर 2025 तक किया गया।
: सम्मेलन में भारत और विदेश के विद्वानों, विशेषज्ञों, संस्थानों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं सहित 1,100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग किया।
: इस अवसर पर ‘ज्ञान सेतु’ प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया।
: इस सम्मेलन ने भारत की पांडुलिपि संपदा के संरक्षण, डिजिटलीकरण और इसे दुनिया के साथ साझा करने की दिशा के लिए मार्ग प्रशस्त करने में सहयोगी मंच तैयार किया।
: यह पहल भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा में नई जान डालने का एक प्रयास है।
: इस अवसर पर ज्ञान भारतम लोगो का अनावरण किया गया।
: ‘श्रुति’ और ‘स्मृति’ के बाद लिखित रूप में संरक्षित ज्ञान को अब भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा ‘ज्ञान भारतम मिशन’ के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा रहा है।
: पांडुलिपियों का संरक्षण, प्रकाशन और उपयोग तभी सार्थक होगा जब वे आम लोगों से जुड़ेंगे।
: भारत की पांडुलिपियों में मानवता की संपूर्ण विकास यात्रा के पदचिह्न समाहित हैं।
: ज्ञान भारतम मिशन भारत की संस्कृति, साहित्य और चेतना की आवाज बनने के लिए तैयार है।
: इसके अंतिम सत्र में औपचारिक दिल्ली घोषणा पत्र (ज्ञान भारतम संकल्प पत्र) को पढ़ा गया जिसे समापन सत्र में अपनाया गया।
: इस घोषणापत्र में भारत को विश्व की सबसे समृद्ध पांडुलिपि परंपराओं की भूमि बताया गया तथा विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में इस विशाल खजाने को संरक्षित करने, डिजिटल बनाने और प्रसारित करने का संकल्प लिया गया।
: सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों, वक्ताओं, विद्वानों और प्रतिभागियों ने सर्वसम्मति से दिल्ली घोषणा पत्र को स्वीकार किया।


शेयर करें

By gkvidya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *