सन्दर्भ:
: हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (NAT) 2024 के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) और पॉलिटेक्निक में 16 शिक्षकों का चयन किया।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के बारें में:
: इसकी स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1958 में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और छात्रों के सीखने के अनुभव को समृद्ध बनाने के उनके प्रयासों में उल्लेखनीय शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को सम्मानित करने के लिए की गई थी।
: यह पुरस्कार कार्यक्रम देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का सम्मान और उत्सव मनाने के लिए बनाया गया है।
: ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति (या) भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा हर साल 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) को प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करने के लिए प्रदान किए जाते हैं।
: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (NAT) का क्रियान्वयन शिक्षा मंत्रालय (MOE) की समग्र देखरेख में किया जा रहा है।
: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार हेतु पात्रता मानदंड:-
- निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मध्य/उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत स्कूल शिक्षक और विद्यालय प्रमुख: राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा संचालित विद्यालय, स्थानीय निकायों द्वारा संचालित विद्यालय, राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालय और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र बोर्ड से संबद्ध निजी विद्यालय।
- केंद्र सरकार के विद्यालय अर्थात केंद्रीय विद्यालय (KV), जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV), रक्षा मंत्रालय (MoD) द्वारा संचालित सैनिक विद्यालय, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी (AEES) द्वारा संचालित विद्यालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (EMRS)।
- सामान्यतः सेवानिवृत्त शिक्षक इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते हैं, लेकिन जिन शिक्षकों ने कैलेंडर वर्ष के एक भाग (कम से कम चार महीने, अर्थात राष्ट्रीय पुरस्कार से संबंधित वर्ष के 30 अप्रैल तक) में सेवा की है, उनके लिए विचार किया जा सकता है, बशर्ते वे अन्य सभी शर्तें पूरी करते हों।
- शैक्षणिक प्रशासक, शिक्षा निरीक्षक और प्रशिक्षण संस्थानों के कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।
- शिक्षक/प्रधानाध्यापक को ट्यूशन पढ़ाने का काम नहीं करना चाहिए।
- केवल नियमित शिक्षक और विद्यालय प्रमुख ही पात्र हैं, जिन्होंने न्यूनतम दस वर्ष की सेवा की हो।
- संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र पात्र नहीं हैं।