सन्दर्भ:
: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधानमंत्री ने मिशन सुदर्शन चक्र (Mission Sudarshan Chakra) के शुभारंभ की घोषणा की।
मिशन सुदर्शन चक्र के बारें में:
: यह भारत के सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों को दुश्मन के हमलों से बचाने के लिए एक बहुस्तरीय स्वदेशी रक्षा पहल है।
: एक राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन जिसका उद्देश्य पूरे भारत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के चारों ओर एक उन्नत, बहुस्तरीय सुरक्षा कवच का निर्माण करना है।
: भगवान कृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित, सांस्कृतिक लोकाचार को आधुनिक सामरिक रक्षा के साथ सम्मिश्रित करते हुए।
: इसका नोडल मंत्रालय रक्षा मंत्रालय है।
: इसका उद्देश्य:-
- वायु, थल, समुद्री और साइबर क्षेत्रों से आने वाले खतरों को बेअसर करने के लिए एक स्वदेशी, अनुसंधान-आधारित सुरक्षा प्रणाली विकसित करना।
- महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) सुनिश्चित करना।
- महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे, शहरों और पवित्र स्थानों के लिए सक्रिय, एकीकृत सुरक्षा प्रदान करना।
: इसकी विशेषताएँ:-
- बहुस्तरीय रक्षा: निगरानी, अवरोधन और जवाबी हमले की क्षमताओं को एकीकृत करता है।
- व्यापक कवरेज: सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करता है।
- उन्नत तकनीक: रडार, एआई-सक्षम ट्रैकिंग, साइबर सुरक्षा और भौतिक सुरक्षा प्रणालियों को एकीकृत करता है।
- स्वदेशी विकास: पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन, विकसित और निर्मित।
- दीर्घकालिक योजना: 2035 तक प्रणाली का विस्तार, आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण।
: इसका महत्व:-
- रणनीतिक प्रतिरोध: इज़राइल के आयरन डोम के समान, भारत के विविध खतरों के परिदृश्य के लिए अनुकूलित।
- राष्ट्रीय संप्रभुता: विदेशी रक्षा प्रणालियों पर निर्भरता कम करता है।
- व्यापक सुरक्षा: पारंपरिक, हाइब्रिड और साइबर खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है।
