सन्दर्भ:
: नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) ने 2020 में अपनी शुरुआत के बाद से पांच साल पूरे कर लिए हैं, जिसके तहत नई दिल्ली में एक विशेष वर्षगांठ समारोह आयोजित किया जाएगा।
नशा मुक्त भारत अभियान के बारें में:
: 15 अगस्त 2020 को आरंभ, एक राष्ट्रव्यापी नशा-विरोधी पहल जिसका लक्ष्य रोकथाम, जागरूकता, उपचार और पुनर्वास के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन को कम करना है, और भारत के सबसे संवेदनशील जिलों पर केंद्रित है।
: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) के तहत शुरू।
: इसका उद्देश्य:-
- नशीली दवाओं की माँग पर अंकुश लगाएँ: रोकथाम, शिक्षा और प्रचार-प्रसार के माध्यम से मादक पदार्थों के उपयोग को कम करें।
- सामुदायिक प्रतिक्रिया को मज़बूत बनाएँ: युवाओं, महिलाओं और स्थानीय संस्थाओं को नशीली दवाओं के विरोधी अभियानों में शामिल करें।
- पुनर्वास और उपचार: व्यसन के शिकार लोगों को समय पर सहायता सुनिश्चित करें।
: इसकी मुख्य विशेषताएँ:-
- लक्षित ज़िले: राष्ट्रीय सर्वेक्षणों और एनसीबी डेटा के माध्यम से पहचाने गए 272 उच्च-जोखिम वाले ज़िलों में कार्यान्वयन।
- त्रि-आयामी दृष्टिकोण: आपूर्ति में कमी (NCB), माँग में कमी (स्वास्थ्य मंत्रालय पहुँच), और उपचार (स्वास्थ्य विभाग)।
- समुदाय-आधारित कार्यान्वयन: वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में ज़िला और राज्य-स्तरीय समितियाँ।
- प्रौद्योगिकी एकीकरण: NMBA ऐप, वेबसाइट और पहुँच के लिए सक्रिय सोशल मीडिया अभियान।
- जन-आंदोलन: जन जागरूकता के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग, ब्रह्माकुमारीज़ और इस्कॉन जैसे संगठनों के साथ साझेदारी।
: इसका महत्व:-
- जन स्वास्थ्य प्रभाव: युवाओं और महिलाओं सहित 18 करोड़ से अधिक नागरिकों को जागरूक किया गया।
- क्षमता निर्माण: देश भर में 20,000 से अधिक मास्टर स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया।
- सामाजिक स्थिरता: नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में कमी आई और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत किया गया।
